इंदौर ।
अंतरराष्ट्रीय क्लीन एयर कैटालिस्ट कार्यक्रम के लिए देशभर में से इंदौर का चयन किया गया है। कार्यक्रम में चुने जाने से अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं इंदौर में हवा की शुद्धता बढ़ाने के लिए न केवल अध्ययन करेंगी, बल्कि करोड़ों रुपये का अनुदान भी देंगी। इंदौर को यूएस एड (यूनाइटेड स्टेट एजेंसी फार इंटरनेशनल डेवलपमेंट) और उसके साझेदार ईडीएफ (एन्वायर्नमेंटल डिफेंस फंड्स) और डब्ल्यूआरआइ (वर्ल्ड रिसोर्सेस इंस्टिट्यूट) सहयोग करेंगेे।
प्रोजेक्ट के तहत नगर निगम और मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहयोग से पांच साल तक स्वच्छ और शुद्ध हवा के लिए कार्यक्रमों का संचालन पांच साल तक किया जाएगा। सोमवार को निगमायुक्त प्रतिभा पाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में कार्यक्रम से जुड़े बिंदुओं, संचालन और रूपरेखा आदि पर चर्चा की गई। यूएस एड के प्रतिनिधियों ने बताया कि क्लीन एयर कैटालिस्ट कार्यक्रम के तहत वे आगामी चरणों में स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन और जेंडर जैसे मुद्दों पर काम करेंगे और अध्ययन के बाद अपनी रिपोर्ट भी देंगे।
1.20 करोड़ रुपये की लागत से लगेगा मानिटरिंग उपकरण
कार्यक्रम के पहले चरण में इंदौर में सोर्स अवेयरनेस स्टडी के लिए 1.20 करोड़ रुपये की लागत से मानिटरिंग उपकरण स्थापित किया जाएगा। उपकरण लगाने का स्थान मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों से चर्चा के बाद तय किया जाएगा। परियोजना क्रियान्वयन के अगले चरणों में दूसरी अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं भी शामिल होंगी। बैठक में नगर निगम के अपर आयुक्त संदीप सोनी, अधीक्षण यंत्री महेश शर्मा, ईडीएफ के परियोजना मैनेजर कौशिक हजारिका, डब्ल्यूआरआइ के परियोजना मैनेेजर भवय शर्मा और क्लीनएयर कैटालिस्ट कार्यक्रम के परियोजना मैनेेजर मेघा नामदेव दुबे उपस्थित थे।
अधीक्षण यंत्री शर्मा ने बताया कि 15वें वित्त आयोग के तहत एयर क्वालिटी सुधार के लिए इंदौर में पहले से काम हो रहे हैं। यूएस एड और उसकी सहयोगी संस्थाएं उसी काम में उत्प्रेरक का काम करेंगी। कार्यक्रम के तहत इंदौर में अगले पांच साल में करीब छह करोड़ रुपये हवा की गुणवत्ता सुधारने के लिए खर्च किए जाएंगे।