US: Pfizer और Moderna वैक्सीन से हो रही दिल की बीमारी, नया डेटा आया सामने

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वॉशिंगटन: अमेरिका (US) में Pfizer और Moderna वैक्सीन लगवाने के बाद दिल की बीमारी (Heart Disease), चेस्ट पेन और हार्ट अटैक (Heart Attack) के मामले सामने आए हैं. अमेरिका के एडवर्स इवेंट रिर्पोटिंग सिस्टम में वैक्सीनेशन (Vaccination) के बाद होने वाले मायोकार्डिया टेस्ट में दिल में सूजन होने के मामले दर्ज किए गए हैं.

पुरुषों में दिल की बीमारी का खतरा ज्यादा
हाल ही में सामने आए डेटा के मुताबिक, प्रति दस लाख में 41 मामले ऐसे हैं जिनमें वैक्सीन (Vaccine) की दो डोज के बाद पुरुषों में दिल की बीमारी होते हुए देखी गई. महिलाओं में प्रति दस लाख में ऐसे 4 मामले ही दर्ज हुए हैं. ज्यादा परेशानी की बात यह है कि ये सभी मामले 12 से 29 साल की उम्र के बीच के लोगों के हैं यानी बच्चों और युवाओं के हार्ट में साइड इफेक्ट ज्यादा सामने आया है.

कम उम्र वालों में हो रहा ज्यादा साइड इफेक्ट
30 साल से ज्यादा उम्र के पुरुषों में प्रति दस लाख में 2.4 मामले और 30 वर्ष से ज्यादा उम्र की महिलाओं में प्रति दस लाख में एक मामला रिपोर्ट हुआ है. इसका मतलब साफ है कि उम्र जितनी कम है, साइड इफेक्ट का शिकार होने का खतरा उतना ही ज्यादा है.


वैक्सीनेशन के बाद के खतरे के मद्देनजर निर्देश जारी
हालांकि अमेरिका में बनी वैक्सीन कमेटी का मानना है कि वैक्सीनेशन के फायदे ज्यादा हैं और साइड इफेक्ट के मामले उतने ज्यादा नहीं आए हैं. लेकिन फिर भी अमेरिका में वैक्सीनेशन के बाद साइड इफेक्ट को रिपोर्ट करने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं. अगर दूसरी डोज के बाद किसी को भी चेस्ट पेन होता है, घबराहट होती है या दिल की धड़कन तेज हो जाती है तो उसे इग्नोर ना किया जाए, तुरंत इलाज भी किया जाए और ऐसे मामलों को तुरंत कमेटी को दर्ज भी करवाया जाए.
वैक्सीन लगाने वालों से कहा गया है कि Mayocarditis और Pericarditis यानी कि दिल की मांसपेशियों में सूजन और दिल की परत में सूजन की दूसरी वजहों को ध्यान में रखा जाए. इस बात का भी ख्याल रखा जाए की युवा आबादी में ये साइड इफेक्ट ज्यादा हो रहे हैं इसलिए जो लोग खतरे में हैं उन्हें सावधान किया जाए. 

इस डेटा को 5 से 8 जुलाई तक हुई यूरोपियन मेडिसन एजेंसी की मीटिंग में समझा गया और उसके बाद ये दिशा-निर्देश जारी किए गए. अमेरिका में और उन देशों में जहां मॉडर्ना और फाइजर लगाई जा रही है वहां दिल की बीमारियों की रिपोर्टिंग और ज्यादा कड़ी की जा रही है.

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