भोपाल।
प्रदेश भर में चल रही नर्सिंग कर्मचारियों और आशा कार्यकर्ताओं की हड़ताल सोमवार को खत्म हो सकती है। दरअसल, कर्मचारियों की मांगों के संबंध में चर्चा के लिए स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) मो. सुलेमान ने स्टेट नर्सेस एसोसिएशन और प्रांतीय नर्सेस एसोसिएशन के पदाधिकारियों को बुलाया है। उच्चस्तरीय वेतनमान और नियुक्ति के समय दो अग्रिम वेतनवृद्धि को लेकर 29 जून से चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग के नर्सिंग कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं। हालांकि, कर्मचारियों का एक गुट आंदोलन में शामिल नहीं है, इस कारण व्यवस्थाएं ज्यादा प्रभावित नहीं हो रही हैं। इसके अलावा आशा कार्यकर्ता और सहयोगिनी संघ के पदाधिकारियों को भी एसीएस ने बुलाया है। संघ आशा कार्यकर्ताओं का वेतन दो हजार महीने से बढ़ाकर 18 हजार और सहयोगिनी का 24 हजार रुपये महीने करने की मांग कर रहा है।
एस्मा के बाद भी कार्रवाई नहीं
कोरोना संक्रमण के चलते प्रदेश में अत्यावश्यक सेवा प्रबंधन अधिनियम (एस्मा) लागू है। इसके बाद भी जूनियर डॉक्टरों, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी, हेल्थ डिपार्टमेंट अधिकारी कर्मचारी संघ और अब स्टेट नर्सेस एसोसिएशन व प्रांतीय नर्सेस एसोसिएशन ने मिलकर आंदोलन शुरू कर दिया है। इसके बाद भी एस्मा के तहत इन पर कार्रवाई नहीं की गई।
ये हैं मांगें
- नर्सों को छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों के समकक्ष उच्चस्तरीय वेतनमान दिया जाए। छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों के मुकाबले नर्सिंग कर्मचारियों का वेतन 15 से 20 हजार तक कम है।
- कोरोना काल के चलते सभी नर्सों को दो वेतन वृद्धि दी जाए। कोरोना योद्धाओं के लिए की गई घोषणाओं पर अमल हो।
- नर्सों की उच्च शिक्षा के लिए उम्र का बंधन हटाया जाए।
- मेडिकल कॉलेजों में स्वशासी के तहत नियुक्त नर्सों को सातवां वेतनमान 2018 की जगह 2016 से दिया जाए।
- पदोन्नति प्रक्रिया को शुरू किया जाए।
- मेल नर्स की भर्ती तत्काल की जाए।