उज्जैन ।
मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में स्थित ज्योतिर्लिग महाकाल मंदिर में 28 जून से भक्तों को प्रवेश देना शुरू किया जाएगा। कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से कम होने तथा मप्र में संक्रमण दर गिरने के चलते महाकाल मंदिर प्रबंध समिति ने यह निर्णय लिया है। समिति ने दर्शन के लिए अग्रिम बु¨कग शुरू कर दी है। देश-विदेश के श्रद्धालु सात दिन पहले बुकिंग करा सकते हैं। इसके लिए कोरोना टीकाकरण का प्रमाण-पत्र अथवा 48 घंटे पहले की आरटी-पीसीआर निगेटिव रिपोर्ट लेकर आना अनिवार्य है।
श्रद्धालुओं को सुबह छह बजे से रात आठ बजे तक भगवान महाकाल के दर्शन कराए जाएंगे। निर्धारित 14 घंटे के समय में दो-दो घंटे के सात स्लाट बनाए गए हैं। प्रत्येक स्लाट में 500 श्रद्धालुओं को अनुमति दी जाएगी। अग्रिम बुकिंग के आधार पर 3500 श्रद्धालु प्रतिदिन दर्शन कर सकेंगे। इसके अलावा 250 रुपये के शीघ्र दर्शन टिकट पर भी भक्तों को मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। गर्भगृह व नंदी हाल में भक्तों का प्रवेश प्रतिबंधित किया गया है। सभी दर्शनार्थी गणेश मंडप से राजाधिराज के दर्शन कर सकेंगे।
महाकाल मंदिर के पास खोदाई में दिखा 1000 साल पुराने मंदिर का ढांचा
मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में स्थित ज्योतिर्लिग महाकाल मंदिर के समीप पुरातत्व विभाग की निगरानी में चल रही खोदाई में करीब एक हजार साल पुराने मंदिर का ढांचा नजर आने लगा है। जल्द ही मंदिर का मूलभाग सामने आने की संभावना है। अब तक मजदूरों द्वारा की गई खोदाई में एक हजार साल पुराने परमारकालीन मंदिर के पाषाण खंभ, छत का हिस्सा, शिखर आदि के अवशेष प्राप्त हुए हैं। इसके अलावा दो हजार साल पुराने शुंग व कुषाण काल में निर्मित मिट्टी के बर्तनों के अवशेष भी मिल चुके हैं। इन सब धरोहरों को खोदाई स्थल के समीप सहेजकर रखा गया है।
करीब एक पखवाड़े चली खोदाई के बाद शुक्रवार को एक हजार साल पुराने मंदिर का ढांचा स्पष्ट नजर आने लगा है। संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही खोदाई में मंदिर का पूरा मूलभाग निकलकर सामने आएगा।