भोपाल ।
कोरोना संकट के दौरान ऑक्सीजन संकट का सामना कर चुके मध्य प्रदेश में अब आगे ऐसे हालात न बनें, इसकी तैयारी शुरू हो गई है। सरकार ने तय किया है कि प्रदेश में कम से कम छह स्थानों पर 50 से 100 टन तक क्षमता की ऑक्सीजन भंडारण व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए टैंक बनाने के लिए कलेक्टरों को जगह चि-त करने के निर्देश दिए हैं।
भोपाल, इंदौर और सागर में जगह भी चिन्हित,कर ली गई है। वहीं, निजी अस्पतालों को भी अपने ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। उद्योग विभाग ने इसके लिए नीति भी बनाई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ऑक्सीजन की स्थिति को लेकर सोमवार को समीक्षा करेंगे।
प्रदेश में कोरोना संक्रमण के दौरान जब ऑक्सीजन की किल्लत हुई, तभी सरकार ने तय कर लिया था कि आगे ऐसे हालात न बनें, इसके इंतजाम अभी किए जाएंगे। इसके लिए उद्योग विभाग ने निवेशकों को प्रोत्साहित करने की नीति बनाई। साथ ही सभी जिलों में ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र लगाने का काम प्रारंभ किया गया। इस पर तेजी से काम चल रहा है। उत्पादन के साथ-साथ भंडारण की व्यवस्था पर भी जोर दिया जा रहा है।
आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के रोडमैप के तहत मध्य प्रदेश को ऑक्सीजन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य रखा गया है। मंत्री समूह ने दूरस्थ इलाकों में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की व्यवस्था, सिलेंडर की व्यवस्था, निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट को प्रोत्साहन और उत्पादित ऑक्सीजन के भंडारण की दिशा में काम करने की सिफारिश की थी। इसके मद्देनजर तय किया गया कि प्रदेश में पांच से छह स्थान पर 50 से 100 टन क्षमता की भंडारण व्यवस्था बनाई जाएगी।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इसको लेकर कलेक्टरों को पत्र लिखे थे। अब तक भोपाल, इंदौर और सागर में स्थल चि-त हो चुके हैं। भोपाल के गोविंदपुरा, इंदौर के पोलो ग्राउंड और सागर के सिद्धगवां औद्योगिक क्षेत्र में भंडारण के लिए टैंक बनाए जाएंगे। इसके साथ ही पांच से दस टन क्षमता के टैंकरों की व्यवस्था भी बनाई जाएगी ताकि परिवहन में समय न लगे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मेडिकल ऑक्सीजन उत्पादन में मध्य प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के संबंध में अब तक उठाए गए कदमों के साथ अन्य विषयों के बारे में गठित मंत्री समूहों की अनुशंसाओं को लेकर समीक्षा करेंगे। बताया जा रहा है कि अब प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने पर सर्वाधिक ध्यान दिया जाएगा ताकि रोजगार के अवसर ज्यादा से ज्यादा बनें। इसके लिए सभी विभागों से आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश में तय गतिविधियों पर तेजी से काम करने के लिए कहा गया है।
संयंत्र संचालन के लिए प्रशिक्षण
ऑक्सीजन संयंत्रों के संचालन और रखरखाव के लिए प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। इसके लिए अब तक 502 अभ्यर्थियों का पंजीयन हो चुका है। इन्हें आइटीआइ संस्था प्रशिक्षण देगी। प्रत्येक जिले में दो प्रशिक्षित व्यक्तियों को रखा जाएगा। अभी तक 39 मास्टर ट्रेनर और 57 अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण दिया गया है।