आदिवासियों का ‘हक छीनने’ पर शिवराज सिंह ने जताया गुस्सा

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शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए उस पर आदिवासियों का हक छीनने का आरोप लगाया। चौहान ने कहा कि अगर आदिवासियों का हक छीनने की कोशिश की गई तो अंजान बुरे होंगे। वहीं कांग्रेस ने बीजेपी के आरोपों को खारिज कर दिया है।

भोपाल:बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को कांग्रेस सरकार पर आदिवासियों का हक छीनने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि गरीब आदिवासियों का जल, जंगल और जमीन पर बराबर का हक है लेकिन राज्य की कमलनाथ सरकार आदिवासियों से इनका यह हक छीन रही है। चौहान के आरोप पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने बीजेपी के अनुसूचित जनजाति वर्ग के प्रति सहानुभूति को ‘ढकोसला’ करार दे दिया।

कांग्रेस ने बीजेपी पर लगाए आरोप
कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी के 15 साल के शासन में मध्य प्रदेश में 3.5 लाख आदिवासियों के जमीन के पट्टे छीने गए हैं, जिन्हें हमारी सरकार वापस करेगी। बता दें कि भोपाल के न्यू मार्केट इलाके में आदिवासियों के धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए चौहान ने कहा कि वर्षों से जिस जमीन पर गरीब आदिवासी रह रहा है और खेती कर रहा है, उस जमीन से मध्य प्रदेश सरकार उसे बेदखल कर रही है। उन्होंने कहा, ‘अगर आदिवासी का हक किसी भी सरकार ने छीनने की कोशिश की तो सरकार को हम छोड़ेंगे नहीं।’

आदिवासी की जमीन छीनी तो अंजान बुरे होंगेः चौहान
चौहान ने कहा कि आदिवासी गरीब की जमीन को हाथ भी लगाया तो इसके अंजाम बुरे होंगे। प्रदेश के सीहोर जिले के बारेला समाज के आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार के विरोध और आदिवासियों के जमीन के पट्टे सहित विभिन्न मांगों को लेकर यह धरना प्रदर्शन किया गया। आदिवासियों द्वारा धरना प्रदर्शन के लिए टीटी नगर में स्वीकृति ली गई थी लेकिन आंदोलन से घबराए प्रशासन ने धरना स्थल से करीब 8 किलोमीटर दूर भदभदा के पास ही धरने में शामिल होने आए आदिवासियों के ट्रैक्टरों को रोक लिया।

आदिवासियों के ट्रैक्टर पर सवार होकर धरना स्थल पहुंचे चौहान
प्रशासन की इस कार्रवाई पर चौहान भड़क गए और नाराजगी जताते हुए तत्काल भदभदा पहुंच गए। इसके बाद चौहान आदिवासियों के साथ ट्रैक्टर में बैठकर धरना स्थल पर पहुंचे। धरने के पश्चात चौहान के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलकर आदिवासियों की विभिन्न मांगों को लेकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। चौहान ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों पर हर गरीब और आदिवासी का हक है। जमीन के जिन टुकड़ों पर आदिवासी वर्षों से खेती कर रहे थे, उन्हें बीजेपी सरकार ने मालिकाना हक देने का काम किया

कांग्रेस ने आरोपों को बताया निराधार
चौहान ने आगे कहा, ‘लेकिन वक्त बदलते ही अब आदिवासियों पर कांग्रेस नीत प्रदेश सरकार अत्याचार कर रही है। आदिवासियों की उन जमीनों पर वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी पहुंचकर डराने-धमकाने का काम कर रहे हैं। वन विभाग के जिन अधिकारियों की आवाज नहीं निकलती थी, अब कमलनाथ सरकार में वह रेंजर भी डेंजर बन गए हैं।’ इसी बीच, मध्यप्रदेश के जनसंपर्क तथा विधि एवं विधायी कार्य मंत्री पीसी शर्मा ने चौहान के आरोपों को निराधार बताया।

मीडिया से बात करते हुए शर्मा ने कहा, ‘असलियत में मध्य प्रदेश की पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार ने प्रदेश के साढ़े तीन लाख आदिवासियों के जमीन के पट्टे छीने हैं। कमलनाथ के नेतृत्व वाली हमारी सरकार उन्हें इन पट्टों को वापस देगी।’ शर्मा ने आगे बताया कि पूरी प्रक्रिया के बाद ये पट्टे आदिवासियों को दिए जाएंगे।

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