किसानों का आरोप- नहीं मिला कोई फायदा,मध्य प्रदेश में कर्जमाफी का दूसरा चरण शुरू

Uncategorized प्रदेश

मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता खत्म होने के बाद कर्जमाफी के दूसरे चरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है. पहले चरण में 50 हजार रुपए तक नियमित कर्ज माफ करने के साथ डिफाल्टर किसानों को दो लाख रुपए तक कर्जमाफी का दावा किया गया है. सरकार का कहना है कि इसके दायरे में 20 लाख किसान हैं लेकिन कई किसानों का अब भी आरोप है कि उन्हें कर्जमाफी का फायदा नहीं मिला है.
आगर-मालवा में हरिनारायण अपनी बीस बीघा पुश्तैनी जमीन पर खेती करते हैं. खाद, बीज, दवा के लिये सरकारी बैंक से 4.5 लाख रुपए का कर्ज लिया था. कमलनाथ सरकार के कर्ज माफी के ऐलान से उम्मीद थी कि कर्जमाफी से ज़िंदगी बेहतर हो जाएगी लेकिन ना तो कर्जमाफी का प्रमाण पत्र आया, ना ही खाते में पैसा. परिनारायण बताते हैं, ‘बैंक में ऐसी कोई सूचना नहीं है कि मेरा कर्जमाफ हुआ है, मेरे नाम से साढ़े चार लाख का कर्ज है. एक रुपये का भी कर्जमाफी का प्रमाण पत्र नहीं मिला है. हमें बहुत उम्मीद थी लेकिन सरकार खरा नहीं उतरी.’जिला मुख्यालय से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर दीपू गांव के पप्पू लाल की तकलीफ हरिनारायण से थोड़ी अलग है. पप्पू लाल बताते हैं कि उन्होंने सहकारी सोसाइटी से 3.5 बीघा जमीन के लिए 16 हजार का कर्ज ले रखा था. अब मानसून को देखते हुए बुआई करने के लिए सरकारी कर्जमाफी के भरोसे खाद बीज उधार लेने बैंक पहुंच गए. यहां पहुंचे तो पता चला कर्ज माफी तो हुई नहीं उल्टा सोलह हजार का कर्ज वक़्त पर ना चुकाने के चलते पेनाल्टी लग गई.

मुख्यमंत्री के गृह जिले के किसान भी कर्ज माफी के नाम पर खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं. कमलनाथ ने किसानों को ऋण माफी के प्रमाण पत्र भी बांट दिये, पर कर्ज से परेशान किसान आज भी आंसू बहा रहे हैं. खरीफ की बुवाई शुरू होने वाली है, किसान समितियों में खाद बीज लेने के लिए पहुंच रहे हैं तो उन्हें पुराना कर्ज बकाया होने के चलते खाद-बीज नहीं मिल रहा है, जिसकी वजह से किसान के सामने संकट खड़ा हो रहा है.उधर सरकार अब जय किसान कर्जमाफी स्कीम के दूसरे चरण में 50 हजार से एक लाख रुपए तक के कर्ज माफ करने पर काम शुरू कर चुकी है. तय किया गया कि चालू खाते में अब 50 हजार से अधिक के कर्जदार किसानों को लाभ दिया जाए. इसमें वो किसान पहले आएंगे जिनका एक आधार कार्ड पर एक ही बैंक खाता है. इस आधार पर दूसरे चरण में करीब नौ लाख किसानों को फायदा मिलेगा.

कृषि मंत्री सचिन यादव ने कहा कि दूसरे चरण में ऐसे किसान जिनका 50,000-1 लाख तक का चालू खाते का कर्ज है उसमें कर्जमाफी का लाभ देने का काम करेंगे. सचिन ने कहा कि पहली प्राथमिकता उनको देंगे जिनका सिंगल खाता है, मल्टीपल खाते का निर्धारण आने वाले वक्त में करेंगे.बीजेपी कह रही है, सरकार ने सिर्फ किसानों को छलने का काम किया है. बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री विश्वास सारंग ने कहा पहले तो कर्जमाफ नहीं किया. 56000 करोड़ माफ होना था. बजट में केवल 5000 करोड़ का प्रावधान किया. अब नई बात कहने लगे एक लाख तक के कर्ज माफ करेंगे. ये केवल छलावा है. 10 दिन में मुख्यमंत्री बदलने की बात थी अब तक 18 मुख्यमंत्री बदले जाने थे, ये सरकार छलावा वाली सरकार है.

सूत्रों का कहना है कि कर्जमाफी के लिए सरकार ने प्राथमिकता में जो क्रम तय किया है, उसमें सबसे पहले सहकारी बैंक, फिर क्षेत्रीय ग्रामीण विकास बैंक और इसके बाद राष्ट्रीयकृत बैंकों का कर्जमाफ होना है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *