नई दिल्ली |
सरकार ने जहां एक ओर कोरोना महामारी पर अपनी लगाम कसी है, तो वहीं दूसरी ओर मंहगाई लगातार अपने पैर पसारे जा रही है। पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम अब सिर्फ वाहनों तक ही सीमित नहीं रह गए हैं बल्कि देश में आमजन भी इससे त्रस्त हो रहा है। इस मंहगाई ने जनता की जेब पर ऐसा असर डाला है कि मंडियों में 25 रूपए में बिकने वाला प्याज अब 40 रूपये के भाव बिक रहा है। यही हाल अब मटर, टमाटर व अन्य सब्जियों का भी दिखाई दे रहा है।
कोरोना महामारी ने जहां लोगो की इनकम आधी से भी कम कर दी है तो वहीं दूसरी और पेट्रोल और डीजल की कीमत लगातार बढ़ रही है जिस वजह से रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली चीजों पर भी मंहगाई का रंग चढ़ने लगा है। देश में कई जगहों पर प्याज, मटर और खीरा जैसी सब्जियों के दाम में 15 से 20 रूपए प्रति किलोग्राम की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। दिल्ली की आजादपुर मंडियों के कारोबारियों का कहना है कि पिछले दिनों डीजल के दाम बढ़ने से माल भाड़ा बढ़ गया है, जिसकी वजह से राज्य में आने वाली सब्जियों के दामों में भी बढ़ोत्तरी हुई है और यह दाम अभी आगे चलकर और बढ़ेगें।
बारिश से भी पड़ रहा असर
जहां एक ओर पेट्रोल-डीजल कि कीमत की वजह से सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर मौसम ने भी अपना रूख बदलकर इस पर कहर ढाया है। जी हां सब्ज्यिों के मंहगे होने का एक कारण मानसून भी है। पिछले दिनों महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में बारिश होने की वजह से कई सब्जियों की फसल खराब हुई है। जिस कारण इन सब्जियों के दामों पर भी असर पड़ा है। चलिए सब्जियों के बढ़े हुए दामों पर एक नजर डालते हैं।
क्या हैं मंडियों में सब्जियों के बढ़े हुए दाम
प्याज की अगर बात करें तो यह 25 रूपए प्रतिकिलो से बढ़कर 40 रूपए प्रतिकिग्राम तक पहुंच गई है। वहीं आलू अब 20 रूपए किलो की हो गई है। मटर 90 रूपए किलो, बीन्स 90 से 110 रूपए किलो, टमाटर 20 रूपए किलो, खीरा 35 से 40 रूपए किलो, भिंडी 35 से 40 रूपए किलो, तोरी 40 से 45 रूपए किलो, बैगन 40 से 50 रूपए किलो, फूलगोभी 80 से 95 रूपए किलो और लौकी 35 से 40 रूपए किलो हो गई है।