जबलपुर ।
मध्य प्रदेश के पहले चिकित्सा विश्वविद्यालय में परीक्षा परिणाम को लेकर धांधली का मामला सामने आया है। जिसके बाद परीक्षा परिणाम तैयार करने वाली कंपनी माइंडलॉजिक्स इंफ्राटेक पर शिकंजा कस गया है। कंपनी के खिलाफ चिकित्सा शिक्षा विभाग के निर्देश पर तीन सदस्यीय कमेटी ने जांच की थी। जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं। यह पता चला है कि ठेका कंपनी ने अनुबंध शर्तों के वितरीत परीक्षा परिणाम तैयार किया था। गोपनीय विभाग के लिपिक द्वारा परिणाम घोषित होने से पूर्व अपने निजी मेल पर पूरी जानकारी मंगवा ली जाती थी।
इस गड़बड़ी में परीक्षा नियंत्रक की भूमिका सामने आई है। जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि परीक्षा नियंत्रक वृंदा सक्सेना अप्रैल में अवकाश पर थीं। किसी अन्य अधिकारी को परीक्षा नियंत्रक का प्रभार सौंप दिया था। अवकाश पर रहने के बावजूद उन्होंने कई छात्रों के नंबर व परीक्षा परिणाम में फेरबदल कराया। अवकाश अवधि में उन्होंने कई निजी कॉलेजों के परिणाम घोषित करवा दिए थे। जिसकी जानकारी कार्यवाहक परीक्षा नियंत्रक व कुलपति को नहीं दी गई थी।
समिति ने जांच रिपोर्ट में पाया कि निजी ईमेल के उपयोग से परीक्षा परिणाम में सेंध लगाई गई। जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि ऑनलाइन प्रश्नपत्र की वितरण व्यवस्था में निजी कंपनी ने अनुबंध शर्तों का उल्लंघन किया। टेबुलेशन चार्ट के विश्लेषण एवं रिपोर्ट माड्यूल इंटरफेस काम करते नहीं मिले। परीक्षा होने के बाद प्रोसेस डाटा सुरक्षित फॉर्मेट में नहीं सौंपा गया। डिजास्टर रिकवरी सेंटर नहीं बनाया है। एग्जामिनेशन शेड्यूलिंग नहीं बनाई गई साथ ही वर्चुअल नोटिस बोर्ड सक्रिय नहीं मिला। मूल्यांकनर्ता को भुगतान संबंधी व्यवस्था का सत्यापन नहीं कराया गया। रिवैल्यूएशन मॉड्यूल काम नहीं कर रहा है। विथैल्ड रिजल्ट जारी करने में बेवजह विलंब किया गया।