जबलपुर।
कोरोना की दूसरी लहर धीमी होते ही हवाला का कारोबार फिर शुरू हो गया है। इस बार भी हवाला कारोबारी लाखों रुपये की नकदी को यहां से वहां पहुंचाने के लिए ट्रेन का ही सहारा ले रहे हैं, लेकिन इस बार उन्होंने रेलवे और स्टेशन पर तैनात आरपीएफ-जीआरपी से बचने के लिए दूसरा रास्ता निकाला है । इस बार हवाला कारोबारियों ने जबलपुर रेलवे स्टेशन से हवाला का पैसा पहुंचाना बंद कर दिया है, वे अब छोटे रेलवे स्टेशनों से ट्रेन में सवार हो रहे हैं, ताकि आरपीएफ और जीआरपी की सुरक्षा से बच सकें। इतना ही नहीं हवाला का काम करने वाले जबलपुर से नकदी लेकर सड़क के रास्ते आस-पास रेलवे स्टेशन में पहुंचते हैं और पैसा ले जाने वाले व्यक्ति को सौंपते हैं। जो व्यक्ति ट्रेन से पैसा ले जाने वाला होता है, उसे बैग दे देते हैं।
स्टेशन में चल रही साठगांठ: हवाला का यह काम तब हो रहा है, जब स्टेशन पर बिना टिकट वालों प्रवेश बंद है। दो दिन पूर्व कटनी से संपर्क क्रांति ट्रेन में सवार हुए आरोपित के पास टिकट नहीं थी। वह व्यक्ति स्टेशन परिसर में कैसे आ गया और ट्रेन में सवार होने के बाद वह बिना टिकट दमोह तक पहुंच भी गया। हालांकि आरपीएफ के खुफिया विभाग को जैसे ही हवाला का पैसा ले जाने वाले की जानकारी लगी, उसने दमोह से उसे उतार लिया।
आयकर ने नहीं दिखाई रूचि: लाखों रूपयों का हवाला करने वालों से जब्त किए गए पैसे की जांच को लेकर आयकर विभाग को इंवेस्टिगेशन विंग रूचि नहीं ले रहा है। अभी तक आरपीएफ ने लगभग एक करोड़ से ज्यादा का हवाला का पैसा पकड़ा है, लेकिन उसकी जांच तो दूर उसे पैसे को लेने के लिए आयकर विभाग के अधिकारी नहीं पहुंचे। यही वजह है कि अब आरपीएफ भी इस पैसे को लेकर सावधानी बरत रही है।
छोटे स्टेशन में नहीं होती जांच: कटनी साउथ रेलवे स्टेशन से हवाला का पैसा लेकर बैठने वाले व्यक्ति के पकड़े जाने के बाद अब छोटे रेलवे स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं। इन स्टेशन पर न तो आरपीएफ और जीआरपी होती है और न ही स्टेशन प्रबंधन यात्रि यों की जांच करता है। इतना ही नहीं ट्रेन में जांच करने वाले टिकट चैकिंग स्टाफ की नजर से भी यह आसानी से बच जा रहे हैं।