अमेरिकी विशेषज्ञ ने चीन से मांगा वुहान लैब के स्टाफ का मेडिकल रिकॉर्ड

अंतरराष्ट्रीय

वाशिंगटन।

दुनिया भर में पिछले डेढ़ साल से कोरोना वायरस ने तबाही मचा रखी है। करोड़ों लोग इसकी चपेट में आए, जबकि लाखों लोगों ने अपनी जान गंवाई। वहीं चीन पर कोरोना वायरस को लैब में बनाने के आरोप लग रहे हैं। इस बीच, अमेरिका के एक जाने-माने विशेषज्ञ ने चीन से कोरोना वायरस की उत्पत्ति से जुड़ा एक सबूत मांगा है। अमेरिकी विशेषज्ञ डॉ. एंथनी फॉसी ने चीन से वुहान लैब के तीन स्टाफ का मेडिकल रिकॉर्ड मांगा है। ये सभी 2019 में बीमार हुए थे। उन्होंने साथ ही पूछा है कि क्या वे वास्तव में बीमार हो गए थे ? और अगर हां, तो वे किस बीमारी की चपेट में आए थे ?

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ) के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एंथनी फॉसी ने चीन से 3 लोगों के मेडिकल रिकॉर्ड जारी करने को कहा है। फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, डॉ. फॉसी का अनुमान है कि इन लोगों की बीमारियां इस बात का महत्वपूर्ण सबूत दे सकती हैं कि क्या वाकई में कोरोना वायरस पहली बार वुहान की लैब से लीक हुआ और फिर पूरी दुनिया में फैल गया।
डॉ. एंथनी फॉसी ने कहा- मैं उन तीन लोगों के मेडिकल रिकॉर्ड देखना चाहूंगा, जिनके 2019 में बीमार होने की सूचना है। क्या वे वास्तव में बीमार हुए थे और यदि हां, तो वे किससे बीमार हुए? दुनियाभर में कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर काफी विवाद है। अमेरिकी खुफिया एजेंसियां ​​अभी भी उन रिपोर्टों की जांच कर रही हैं कि वुहान में एक चीनी वायरोलॉजी प्रयोगशाला के शोधकर्ता 2019 में पहले कोरोना मामलों के सामने आने से करीब एक महीने पहले गंभीर रूप से बीमार हुए थे।
हालांकि, चीन, वैज्ञानिक और लैब से वायरस लीक के इन आरोपों को लगातार खरिज करते आया है। उनका कहना है कि वायरस वुहान में फैलने से पहले दूसरे इलाकों में फैला था। चीन का कहना है कि हो सकता है वायरस बाहर से आए खाने की शिपमेंट या जंगली जानवरों, व्यापार के जरिए चीन में फैला हो। डॉ. फॉसी ने बताया कि उनका मानना ​​​​है कि कोरोना वायरस पहले जानवरों के जरिए इंसानों में फैला था। इस पर नए सिरे से फिर से जांच करना बेहद ही जरूरी है। इसकी जांच आगे जारी रहनी चाहिए।

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