इंदौर।
नई शिक्षा नीति को लागू करने को लेकर देवी अहिल्या विश्वविद्यालय तैयारियों में जुट गया है। विश्वविद्यालय के विभाग से संचालित कोर्स में बदलाव को लेकर रूपरेखा बनाई जा रही है। पहले चरण में यूजी कोर्स को चुना गया है। नई नीति के आधार पर यूजी कोर्स में एक वर्ष की अवधि बढ़ाई जा सकती है। मतलब अब तीन साल की बजाए यूजी कोर्स चार साल में पूरा होगा। लगभग एक दर्जन से ज्यादा कोर्स चुने गए है। बुधवार को कुलपति डा. रेणु जैन ने इन्हीं मुद्दों पर विभागाध्यक्षों की बैठक बुलाई है। हालांकि कोर्स का सिलेबस अपग्रेड करने के लिए महीनेभर का समय दिया जाएगा।
नई शिक्षा नीति के मुताबिक चार साल का यूजी और एक साल का पीजी कोर्स किया जा रहा है। कॉलेज और विश्वविद्यालय स्तर पर कोर्स अवधि बढ़ाई जाना है। यहां तक सिलेबस में भी बदलाव होगा। डीएवीवी ने यूजी कोर्स की अवधि बढ़ाने जा रहा है। तक्षशिला परिसर में लगभग 28 विभाग है। यहां से यूजी की तुलना में पीजी व इंटीग्रेटेड कोर्स की संख्या ज्यादा है।
कॉमर्स, पत्रकारिता, लॉ, फिजिकल एजुकेशन, सोशल साइंस, दीन दयाल उपाध्याय केंद्र सहित अन्य विभाग में यूजी कोर्स चलाए जा रहे हैं। अधिकारियों के मुताबिक संक्रमण की वजह से अगले सत्र की कक्षाएं सितंबर से शुरू होगी। जुलाई-अगस्त तक यूजी कोर्स फर्स्ट ईयर का सिलेबस अपग्रेड करेंगे। ताकि विद्यार्थियों को नए विषय व टॉपिक पढ़ाएं जा सके।
पीजी की स्थिति स्पष्ट नहीं
शिक्षा नीति के तहत पीजी कोर्स को एक साल का किया जाना है, लेकिन अभी यूजीसी ने इसे लेकर स्पष्ट निर्देश नहीं दिए है। इस वजह से विश्वविद्यालय अभी पीजी को लेकर कोई बदलाव नहीं कर रहा है। वैसे अधिकारियों के मुताबिक तीन वर्षीय यूजी कोर्स पूरा कर चुके विद्यार्थियों को अगर पीजी में दाखिला लेना है तो पहले उन्हें एक साल का ब्रिज कोर्स करना जरूरी होगा। उसके आधार पर पीजी की पढ़ाई कर सकेंगे। हालांकि इसके लिए विश्वविद्यालय अगले महीने यूजीसी के अधिकारियों से मार्गदर्शन ले सकता है।
ये है प्रमुख कोर्स
बीकॉम आनर्स (आइआइपीएस), बीए मास कम्युनिकेशन (पत्रकारिता), एलएलबी (लॉ), बीकॉम (कॉमर्स), बीसीए (कम्प्युटर साइंस), बीपीईएस और बीपीई (फिजिकल एजुकेशन), बीएसडब्ल्यू (सोशल साइंस), बीवॉक (दीन दयाल उपाध्याय केंद्र), बैचलर अॉफ लाइब्रेरी साइंस (लाइब्रेरी विभाग), बीएससी इन इलेक्ट्रानिक सहित कई विभाग शामिल है।
कोर्स अवधि बढ़ाने पर होगी चर्चा
डीएवीवी के प्रभारी रजिस्ट्रार अनिल शर्मा ने बताया कि डीएवीवी के विभागों में तीन वर्षीय यूजी, दो वर्षीय पीजी और पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स संचालित होते है। पहले यूजी को चार वर्षीय पाठ्यक्रम बनाया जाना है। बुधवार को विभागाध्यक्षों से चर्चा कर फैसला लिया जाएगा। अभी पीजी और इंटीग्रेटेड कोर्स को लेकर कोई गाइडलाइन नहीं है। कोर्स की अवधि बढ़ाने पर सहमति बनने के बाद सिलेबस में बदलाव करेंगे। एक साथ चारों साल का सिलेबस नहीं बनाया जाएगा। शुरूआत में विभागों को फर्स्ट ईयर सिलेबस को अपग्रेड करने को बोलेंगे।