इंदौर।
कर्फ्यू उल्लंघन के आरोप में जेल भेजे ठेलेवालों के स्वजन मंगलवार रात सेंट्रल जेल जमा हो गए। सैकड़ों की तादाद में पहुंचे बुजुर्ग-बच्चे अपनों की रिहाई का इंतजार कर रोने लगे। पुलिस-प्रशासन पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा अमीरों को ‘गेस्ट हाउस’ भेजा जाता है। जबकि गरीब ठेलेवाले तीन दिन से सेंट्रल जेल में बंद है। गौरतलब है स्नेहलतागंज स्थित गुजराती समाज ‘गेस्ट हाउस’ को अस्थाई जेल बनाया गया है।
हंगामा की सूचना मिलने पर एमजी रोड़ थाना पुलिस पहुंची और माइक पर अनाउंस कर परिसर खाली करने की चेतावनी दी। इस दौरान जेल में बंद ठेलेवालों के स्वजन रोने लगे। मल्हारगंज निवासी कलावती बाई ने कहा उसका तीन दिन से बंद है।
पुलिसवालों ने कहा एसडीएम के आदेश पर जेल से छोड़ा जाएगा। जब कलेक्टोरेट पहुंचे तो कहा शाम को छोड़ देंगे। जेल वालों ने घंटो इंतजार करवाया और सिर्फ 62 लोगों को ही रिहा किया। पूछा तो कहा लिखापढ़ी में समय लग रहा है। आज रिहाई नहीं होगी। इसी तरह कमला बाई ने कहा वह छोटे-छोटे बच्चों को छोड़ कर आई है। घर पर रोटी बनाने वाला भी नहीं है।