लखनऊ:उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी से अनाथ हुए बच्चों की देखभाल के लिए राज्य सरकार हर महीने चार हजार रुपए देगी। शनिवार को इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाल सेवा योजना की शुरुआत की। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के दौरान जिन बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिया है उनकी पूरी जिम्मेदारी सरकार उठाएगी। कोरोना के दौरान अनाथ हुई बेटियों की शादी में भी सरकार 1.10 लाख रुपए देगी।
मुख्यमंत्री ने क्या ऐलान किया?
- कोविड में अनाथ हुए बच्चों की पढ़ाई, विवाह का खर्च सरकार की तरफ से दी जाएगी।
- ऑनलाइन पढ़ाई के लिए ऐसे बच्चों को लैपटॉप और टैबलेट सरकार देगी।
- हर महीने ऐसे बच्चों की परवरिश के लिए 4 हजार रुपए दिए जाएंगे।
- जिन बच्चों की उम्र 10 साल से कम है और जिनके गार्जियन नहीं हैं, उन्हें राज्य के बाल संरक्षण गृह में रखा जाएगा, सरकार उनकी देखरेख करेगी।
- अनाथ बालिकाओं की शादी हेतु सरकार 1.10 लाख रुपए सहायता के रूप में देगी।
555 बच्चों को किया जा चुका है चिन्हित
कोरोनाकाल में अनाथ हुए 555 बच्चों को अब तक चिन्हित किया जा चुका है। इसके अलावा सभी जिलों के डीएम से भी रिपोर्ट मांगी गई है। महिला कल्याण विभाग के निदेशक मनोज कुमार राय ने बताया की सभी जनपदों के डीएम को ऐसे सभी बच्चों की सूची तैयार कर भेजने के आदेश दिए हैं। जिससे ऐसे सभी बच्चों के संबंध में सूचनाएं संबंधित विभागों, जिला प्रशासन को पूर्व से प्राप्त सूचनाओं, चाइल्ड लाइन, विशेष किशोर पुलिस इकाई, गैर सरकारी संगठनों, ब्लॉक तथा ग्राम बाल संरक्षण समितियों, कोविड रोकथाम के लिए विभिन्न स्तरों पर गठित निगरानी समितियों और अन्य बाल संरक्षण हितधारकों के सहयोग व समन्वय किया जा रहा है।
नड्डा ने दिए थे बेसहारा बच्चों के लिए योजना लाने का निर्देश
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को 22 मई को चिट्ठी लिखी थी। पार्टी अध्यक्ष ने पत्र में कहा था कि 30 मई को केंद्र सरकार के 7 साल पूरे हो रहे हैं। इस अवसर पर हमारे मुख्यमंत्री किसी भी प्रकार का कोई उत्सव या कार्यक्रम नहीं करेंगे। नड्डा ने भाजपा के मुख्यमंत्रियों से कहा था कि देश महामारी के दौर से गुजर रहा है, ऐसे में कोरोना से बेसहारा हुए बच्चों के लिए कार्यक्रम करें और जरूरतमंदों की मदद करें। उन्होंने पत्र में लिखा था कि मैं मुख्यमंत्रियों से निवेदन करना चाहूंगा कि वे महामारी में अनाथ हुए बच्चों के लिए कोई योजना बनाएं जिससे वे आगे अपने पैरों पर खड़े हो सकें।