इंदौर ।
ब्लैक फंगस नाक के रास्ते शरीर के प्रवेश करता है। इसके पहले चरण में संक्रमण नाक में होता है फिर दूसरे चरण में यह साइनस में प्रवेश करता है। तीसरे चरण में आंखों में आता है और चौथे चरण में जब यह काबू से बाहर हो जाता है तो दिमाग में प्रवेश करता है। शुरुआती दौर में ही इसके लक्षणों को जानकर इसे बढ़ने से रोका जा सकता है।
यह बात नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. प्रणय सिंह ने म्यूकोरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) विषय पर हुए वेबिनार में कही। क्रिएट स्टोरीज सोशल वेलफेयर सोसाइटी द्वारा आयोजित किए गए वेबिनार में डा. प्रणय सिंह ने कहा कि सबसे पहले यह नाक के द्वारा साइनस में प्रवेश करता है तो इसके शुरुआती लक्षण सर्दी, खांसी, बुखार, नाक बंद होना, नाक से पानी आना, नाक में सूजन, नाक के आस-पास साइनस की हड्डियों के पास सूजन आना, दर्द होना है।
जब यह आंखों में प्रवेश करता है तो पलकें नीचे हो जाती हैं, आंखों का मूवमेंट बंद हो जाता है, डबल विजन इसके बाद आंखों की रोशनी जाना और जब रोग यहां भी काबू में नहीं आता तो बेहोशी आना, तेज सिर दर्द, चक्कर आने लगते हैं।
इससे बचाव के लिए जरूरी है कि कोरोना का इलाज सही ठंग से कराएं। ब्लैक फंगस होने की वजहों में अनियंत्रित मधुमेह, स्टेरॉयड लेने के कारण इम्यूनोसप्रेशन, कोरोना संक्रमण अधिक होने के कारण अधिक समय आइसीयू में रहना, कोविड मरीज को ऑक्सिजन सपोर्ट पर या आईसीयू में रखना पड़ा हो, कैंसर, किडनी, ट्रांसप्लांट आदि की दवाएं चल रही हों।
इन दिनों धूल भरी जगह पर जाने से बचें, खेतों या बागवानी में मिट्टी या खाद का काम करते समय शरीर को जूते, ग्लव्स से पूरी तरह ढंककर रखें, स्क्रब बाथ के जरिये सफाई पर पूरा ध्यान दें। यदि किसी को दांत या जबड़े में दर्द, दांत टूटना, सीने में दर्द और सांस में परेशानी, नाक बंद हो या नाक में म्यूकस के साथ खून आ रहा हो, आंख में दर्द हो, आंख फूल जाए, चेहरे में एक तरफ दर्द हो, सूजन हो या सुन्न हो, चबाने में दांत दर्द करे, उल्टी में या खांसने पर बलगम में खून आए तो तुरंत डाक्टर की सलाह लें।