-आईसीयू की छत से टपकता रहा पानी कई मरीज भीगे।
-80 लाख खर्च कर बनाया था आईसीयू वार्ड ।
राजगढ़ :कोरोना संकट में विभिन्न राज्यों के अस्पतालों में जहां मरीज ऑक्सीजन की किल्लत और बेड की कमी से परेशान हैं वहीं अब पहली बारिश ने व्यवस्थाओं की पोल खोल कर रख दी है। ताजा मामला है मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिला अस्पताल की जहां पहली ही बारिश में छत टपकने लगा और देखते-देखते कोरोना वार्ड में पानी भर गया। इस दौरान मरीज काफी परेशान दिखे और अपने-अपने सामान को बचाने की कोशिश में लग गए। मानसून अभी आने को है उसे पहले करीब डेढ़ घंटे तक हुई बारिश ने अस्पताल में बनाए गए कोविड-19 वार्ड में हुई अनियमितताओं की पोल खोल कर रख दी। हालांकि पूरी तरह से यह मामला कहीं ना कहीं एक बड़ी चूक है, फिर भी अधिकारी जिम्मेदारों को बचाने के प्रयास में लग गए हैं।
पिछले साल की दिसंबर माह में पुराने भवन को तोड़फोड़ कर नया बनाते हुए उस पर 80 लाख रुपए खर्च किए गए और 30 दिसंबर को खुद सीएमएचओ डॉ एस यदु ने इस आईसीयू वार्ड का शुभारंभ किया लेकिन शुरू से ही इस भवन के निर्माण को लेकर आपत्तियां उठती रही हैं। लेकिन प्रबंधन द्वारा किसी तरह का कोई बड़ा फैसला लेने की जगह, इस भवन के मेंटेनेंस में आपदा के अवसर तलाशे जाते रहे। जब सोमवार की शाम बारिश हुई तो पूरी तरीके से यह सिद्ध हो गया कि कहीं ना कहीं एक बड़ी लापरवाही इस आईसीयू वार्ड के निर्माण के दौरान इंजीनियर और अधिकारियों के माध्यम से की गई है। जिसका नतीजा मरीजों को भुगतना पड़ा है।एक तरफ वह संक्रमित है ओर दूसरी ओर यह परेशानी उनके लिए मानो आफत, बारिश के पानी ने पहली ही बारिश में उन तमाम जिम्मेदारो की सारी पोल खोल दी है। जिन्होंने इसकी गुणवत्ता पर ध्यान न देकर नजरंदाज कर दिया।
अब आप समझ सकते हैं इंजीनियर और स्वास्थ विभाग के अधिकारियों की भ्रष्टाचार और मिलीभगत का यह जीता जागता उदाहरण आपके सामने है, देखना होगा क्या सरकार इन जिम्मेदार अधिकारियों पर कोई कार्रवाई करती है?या उनको बचाने की कोशिश करेगी।