इंदौर |
रेमडेसिविर इंजेक्शन का कच्चा माल बनाने के लिए इंदौर की एक कंपनी आगे आई है। दवा कंपनी सिम्बायोटेक ने रेमडेसिविर का एक्टिव फार्मास्यूटिकल्स इनग्रेडिएंट (एपीआई) बनाने के लिए भारत सरकार से अनुमति चाही है। सेंट्रल ड्रग कंट्रोल आर्गेनाइजेशन और खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) की संयुक्त टीम ने राऊ (इंदौर) स्थित कंपनी के प्लांट का निरीक्षण कर लिया है। निरीक्षण दल ने कंपनी के लिए सिफारिश भी कर दी है। अब ड्रग कंट्रोलर आफ इंडिया की ओर से अनुमति के लिए दिल्ली में प्रस्ताव विचाराधीन है। रेमडेसिविर की किल्लत के बीच यह राहत भरी खबर है। कोरोनाकाल में इंदौर की किसी दवा कंपनी का रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए कच्चा माल तैयार करने के लिए आगे आना बड़ी बात है।
कंपनी करीब 20 साल से यहां कार्यरत है। राऊ के अलावा पीथमपुर में भी कंपनी का एक प्लांट है। कंपनी स्टेरायड और अन्य दवाइयां बनाती है। कंपनी के प्रबंधक श्रीकुमार ने बताया हमने भारत सरकार को आवेदन कर दिया है। प्रक्रिया भी आगे बढ़ चुकी है, लेकिन शासन की यह प्रक्रिया कब तक पूरी होकर अनुमति मिलेगी, कहा नहीं जा सकता। अनुमति मिलने के बाद हम करीब डेढ़ महीने में उत्पादन शुरू करने की स्थिति में आ सकेंगे। इस समय देश में सात-आठ कंपनियां हैं, जो रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए कच्चा माल तैयार करती हैं। ये कंपनियां हैदराबाद, गुजरात, महाराष्ट्र में हैं। एफडीए के डिप्टी ड्रग कंट्रोलर शोभित कोष्टा ने बताया सिम्बायोटेक को रेमडेसिविर का एपीआइ बनाने की अनुमति मिलती है, तो यह इंदौर के लिए बहुत सकारात्मक होगा। भारत सरकार से कंपनी अनुमोदन के बाद एफडीए भी तुरंत अनुमति दे देगा।