इंदौर ।
कोरोना महामारी से बचाव के लिए जारी जनता कर्फ्यू के बीच गुरुवार को करीब तीन सप्ताह बाद संपत्ति पंजीयन कार्यालय खुले। इससे रियल एस्टेट सेक्टर को बल मिलने की उम्मीद है। पहले दिन इंदौर में 48 संपत्तियों की रजिस्ट्री हुई। इस अधिकृत खरीदी-बिक्री से सरकार को बतौर स्टांप ड्यूटी 50 लाख रुपये कमाई हुई।
पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग के प्रशासनिक संकुल, मोती तबेला स्थित जिला कार्यालय सहित अन्य कार्यालयों में पहला दिन अपेक्षाकृत शांत रहा। कोरोना संक्रमण को देखते हुए लोग भी सावधानी रख रहे हैं। पंजीयन विभाग के डीआइजी बीके मोरे ने बताया इस वित्तीय वर्ष में पंजीयन कार्यालय 20 अप्रैल तक खोले गए थे। तब करीब 4,500 दस्तावेजों के से लगभग 50 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया गया था, जो एक महीने की औसत आय का लगभग 50 प्रतिशत ही है। जनता कर्फ्यू के कारण सभी शासकीय कार्यालयों के साथ पंजीयन कार्यालय भी बंद करने के आदेश हुए थे। इस कारण 20 अप्रैल से 12 मई तक पंजीयन कार्यालय बंद रहे। अब कलेक्टर ने 13 मई की सुबह 10 से शाम 5 बजे तक पंजीयन कार्यालय खोलने की अनुमति दी है। इसमें अधिकारियों की उपस्थिति 100 फीसद और अन्य कर्मचारियों की 10 से 25 फीसद रहेगी। संपत्ति पंजीयन में लगे अधिकारियों-कर्मचारियों और वेंडर को निवास और कार्यालय के बीच आवाजाही की अनुमति दी गई है।