इंदौर।
नमक-ग्लूकोज से बने नकली रेमडेसिविर से हुई मौतों के बाद प्रदेश भर हड़कंप मच गया है। सरकार ने एसटीएफ एडीजी विपिन माहेश्वरी को जांच की निगरानी का जिम्मा सौंपा है। मंगलवार दोपहर एडीजी को सरकार ने इंदौर भेज दिया। उन्होंने जब्ती अफसरों से चर्चा की और गिरफ्तार आरोपितों के बयानों की मॉनिटरिंग की। एडीजी ने पूरे केस की बारीकी से समीक्षा की और कहा कि यह केस महत्वपूर्ण है जिसके तार दवा माफिया,अस्पताल संचालकों और दलालों से जुड़े हैं।
पुलिस ने तेज की छानबीन,लगातार मारे छापे
बेचने वाले तीन दलालों को विजयनगर थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपितों ने दवा बाजार के दवा कारोबारियों का नाम कबूला है। उनकी निशानदेही पर पुलिस दवा बाजार सहित अन्य ठिकानों पर छापे मार रही है। अभी तक की पूछताछ में 1200 से ज्यादा नकली इंजेक्शऩ की खरीद फरोख्त सामने आ चुकी है।
विजयनगर थाना पुलिस के मुताबिक शुरुआज अजहर अहमद,जुबैर खान,मोहम्मद साजिद,निर्मल साकल्य,दिनेश चौधरी और धीरज साजनानी की गिरफ्तारी से हुई है। पुलिस ने इनसे मिले सुराग के आधार पर सोमवार रात देवास से चीकू शर्मा,आशीष ठाकुरऔर सुनील लोधी को हिरासत में लिया।
पूछताछ में आरोपितों ने दवा बाजार के दवा कारोबारियों का नाम कबूला। मंगलवार दोपहर टीम दवा बाजार पहुंची और दो कारोबारियों को हिरासत में ले लिया। पूछताछ में बता चला आरोपित सैकड़ों नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बाजार में खपा चुके हैं।
गुजरात से दवा माफिया और दलाल से जुड़े तार
पुलिस के मुताबिक आरोपितों के तार गुजरात से दवा माफिया पुनित शाह,कौशल वोला और दलाल सुनील मिश्रा गिरोह से जुड़े है। तीनों आरोपित गुजरात की सूरत पुलिस के कब्जे में है। आरोपित सुनील मिश्रा के माध्यम से ही सस्ते दामों पर नकील इंजेक्शन खरीद कर शहर के विभिन्न अस्पतालों में सप्लाई करते थे। पुलिस के मुताबिक जल्द ही आरोपित सुनील,पुनित और कौशल को रिमांड पर इंदौर लाया जाएगा।