इंदौर।
जिला प्रशासन की संपूर्ण लाकडाउन की कोई इच्छा नहीं है लेकिन सोमवार से सड़कों पर सख्ती होगी। उद्योगों के श्रमिक कर्मचारी भी मनमाने समय पर बाहर नहीं निकल सकेंगे। उद्योगों के मेंटेनेंस और ट्रांसपोर्ट की गाड़ियों के मेंटेनेंस पर रोक नहीं है। दवा उद्योगों को भी अब आक्सीजन की आपूर्ति शुरू की जाएगी। क्राइसेस मैनेजमेंट कमेटी के सदस्यों और प्रशासन के अधिकारियों ने ये साफ कर दिया है। दवा उद्योगों को सप्ताह में लगभग 100 सिलेंडर आक्सीजन की आपूर्ति पर भी सहमति दे दी गई।
एसोसिएशन आफ इंडस्ट्रीज मप्र के पदाधिकारियों और उद्योगपतियों को शुक्रवार शाम अधिकारियों और क्राइसेस मैनेजमेंट कमेटी के सदस्यों ने चर्चा केे लिए शुक्रवार शाम रेसीडेंसी कोठी में बुलाया था। मंंत्री तुलसी सिलावट, कलेक्टर मनीष सिंह, निगमायुक्त प्रतिभा पाल समेत पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों ने एआइएमपी अध्यक्ष प्रमोद डफरिया, उपाध्यक्ष योगेश मेहता, तरुण व्यास के साथ तमाम उद्योगपति बैठक मौजूद रहे।
कलेक्टर व अधिकारियों ने कहा कि सोमवार से उद्योगों के श्रमिकों के लिए पास सिस्टम लागू हो जाएगा। सुबह 8.30 से सुबह 10 बजे तक और शाम को 6 से 7 बजे के बीच घर और फैक्ट्री के बीच आवागमन कर सकेंगे। जो फैक्ट्रियां 24 घंटे चलती है उनके श्रमिक रात 1 बजे से 2.30 बजे तक आवागमन कर सकेंगे। सभी उद्योग संंचालक अपने कर्मचारियों को पास जारी कर दें।
तय समय के अलावा बाहर निकलने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। दवा उद्योगों के प्रतिनिधियों ने कहा कि उद्योगों को आक्सीजन सप्लाय रोकने के आदेेश के कारण उनकी फैक्ट्रियों को भी आक्सीजन नहीं मिल रही है। इससे इंंजेक्शन निर्माण जैसे काम रोकने पड़े हैं। कलेक्टर ने कहा कि अब दवा उद्योगों को आक्सीजन मिल सकेगी। सप्ताह में करीब 100 आक्सीजन सिलेंडर ऐसे उद्योगों को दिए जाएंगे। इसके लिए एमपीआइडीसी के अधिकारी रोहन सक्सेना को प्रभारी अधिकारी बना दिया गया है।
दुकान खुलवा कर लेे मेंटेनेंस के पुर्जे
उद्योगपतियों ने कहा कि लाकडाउन के कारण उद्योगों की मशीनों के साथ ट्रांसपोर्ट की गाड़ियों के मेंटेनेंस के लिए पुर्जे मिलने में कई बार दिक्कते आती है। कलेेक्टर सिंह ने साफ कर दिया कि आदेश में मेंटेनेंस के कामों पर रोक का उल्लेख नहीं है। संंबंधित दुकानें खुलवाकर वे पुर्जे हासिल करें और फिर दुकान बंद करवा दें। बैठक में मौजूद पुलिस अधिकारियों को भी उन्होंने निर्देश दिया कि ऐसे लोगों पर कार्रवाई नहीं हो। शहर मेें करीब एक से डेढ़ लाख लोग हर दिन सड़क पर निकलते हैं इसमेें से 40 प्रतिशत बिना वजह बाहर होते हैंं। ऐसे लोगों को रोककर इन पर सख्ती की जाए।