महामारी की दूसरी लहर में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने के चलते केरल में आज से पूर्ण लॉकडाउन लग गया है। नौ दिवसीय लॉकडाउन आठ मई की सुबह से 16 मई तक लागू रहेगा। संक्रमण के मामलों में लगातार हो रही बढ़ोतरी को रोकने के लिए केरल में पिनराई विजयन के नेतृत्व वाली सरकार विभिन्न गतिविधियों पर पहले ही पाबंदी लगा चुकी है।
आज से लगी कठोर पाबंदियां
केरल के मुख्यमंत्री पिनारई विजयन ने अधिकारियों के साथ हालात की समीक्षा करने के बाद कहा था कि राज्य बहुत गंभीर स्थिति से गुजर रहा है और कोविड-19 बहुत तेजी से फैल रहा है. सभी आंकड़े बढ़ रहे हैं और जांच में संक्रमण दर भी कम नहीं हो रही है। इन परिस्थितियों में हमें कठोर पाबंदी की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की एजेंसियों और राजनीतिक दलों के अलावा निजी एजेंसियों को भी राहत कार्य में काम करने की अनुमति दी जाएगी.
श्रद्धालुओं के लिए मंदिर बंद
नौ दिवसीय लॉकडाउन के दौरान सबरीमला स्थित भगवान अयप्पा मंदिर सहित सभी बड़े मंदिर श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेंगे।दक्षिणी राज्य में 1,200 से अधिक मंदिरों का प्रबंधन देखने वाले त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड (टीडीबी) ने कहा कि इसके प्रबंधन क्षेत्र में आने वाले मंदिरों में लॉकडाउन के दौरान श्रद्धालुओं को आने की अनुमति नहीं दी जाएगी। हालांकि मंदिरों में दैनिक पूजा-अर्चना संबंधी रस्में जारी रहेंगी।
प्रमुख पुजारी ही कर सकते हैं मंदिराें में प्रवेश
टीडीबी ने कहा कि लॉकडाउन की अवधि के दौरान संबंधित मंदिरों के प्रमुख पुजारियों से विमर्श के बाद पूजा-अर्चना संबंधी रस्मों के लिए सुबह सात बजे से सुबह दस बजे तक और शाम पांच बजे से शाम सात बजे तक का समय निर्धारित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान मंदिरों में कोई उत्सव आयोजित नहीं किया जाना चाहिए, लेकिन पहले से निर्धारित विवाह कार्यक्रम कोविड रोधी प्रोटोकॉल के पूर्ण अनुपालन के साथ मंदिरों के बाहर आयोजित किए जा सकते हैं जिनमें सीमित संख्या में अतिथि शामिल होंगे।
भारत की प्राण शक्ति बहुत से लोगों को दिखाई नहीं देती: आरएसएस प्रमुख
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा कि भारत के पास अपनी प्राण शक्ति है, लेकिन यह कई लोगों को दिखाई नहीं देती क्योंकि उनकी…