साढ़े तीन साल से बंद आक्सीजन प्लांट में पांच दिन में फूंकी जान

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इंदौर।

इच्छाशक्ति हो तो कोरोना जैसी महामारी के महासंकट में भी रास्ता निकाला जा सकता है। इसकी बानगी है, पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र का मित्तल स्टील (एमसीएल ग्लोबल) का आक्सीजन प्लांट। यह प्लांट करीब साढ़े तीन साल से बंद था, लेकिन प्रदेश में गहराते आक्सीजन संकट के कारण इसे मात्र पांच दिन में शुरू कर दिया गया है। रामनवमी के दिन से प्लांट का सर्वे शुरू किया गया और हनुमान जयंती पर तैयार हो गया।

अब बुधवार से यह आक्सीजन प्लांट कोरोना मरीजों को प्राणवायु देने लगेगा। यहां हर दिन करीब 40 टन आक्सीजन तैयार होगी जिससे एक दिन में करीब 4000 सिलिंडर भरे जा सकेंगे। इस प्लांट के शुरू होने से इंदौर और उज्जैन संभाग को बड़ी राहत मिलेगी। यहां से इंदौर संभाग के अलावा उज्जैन व देवास सहित नौ जिलों को आक्सीजन की आपूर्ति की जाएगी।

प्लांट चालू करने के लिए एकेवीएन और एमसीएल ग्लोबल के तकनीकी अधिकारी दिन-रात जुटे रहे। इसके लिए गुजरात, मुंबई और दिल्ली से कम्प्रेशर, प्रेशर यूनिट, आक्सीजन टेस्टिंग मशीन आदि कलपुर्जे लाए गए। साथ ही गुजरात से इंजीनियरों की भी मदद ली गई। गुजरात से सामान लाने में सीमा पार कराने में आ रही समस्या और समय बचाने के लिए संभागायुक्त डा पवन शर्मा, मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम के कार्यकारी संचालक रोहन सक्सेना सहित अन्य अधिकारियों ने समन्वय बनाया।

एकेवीएन की ओर से सहायक यंत्री मार्तंड सिरोलिया, आशुतोष नामदेव, प्रबंधक आनंद टेम्भरे तो एमसीएल ग्लोबल के प्रशासनिक अधिकारी मदन अग्रवाल और प्लांट प्रभारी निर्मल तोमर की टीम सहित 150 कर्मचारियों ने दिन-रात काम करके प्लांट को चालू कर दिखाया। बुधवार को संभागायुक्त और अन्य अधिकारी प्लांट का उत्पादन शुरू कराने के लिए पहुंचेंगे।

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