जनता कर्फ्यू के दौरान प्रशासन व्यापारियों से कर रहा लगातार अपील,
व्यापारी मानने को नहीं है तैयार, दुकानदार कर रहे हैं नियमों का उल्लंघन,
प्रशासन द्वारा उल्लंघन करने वालों पर कार्यवाही, प्रशासन को चाहिए कि वह मध्यम एवं छोटे वर्ग के लोगों एवं व्यापारियों का ध्यान रख कर ही लॉकडाउन लगाएं।
गंजबासौदा। कोरोना संक्रमण की रफ्तार को रोकने के लिए प्रशासन ने शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में जनता कर्फ्यू लागू किया है। जिसके तहत संपूर्ण बाजार बंद है। लेकिन उसके बाद भी कई दुकानदार दुकान खोलकर व्यापार कर रहे हैं। प्रशासन की बार-बार अपील के बाद भी, नागरिक एवं व्यापारी व्यापारी वर्ग लगातार जनता कर्फ्यू के नियमों का पालन न करने पर प्रशासन द्वारा प्रशासन ने अब सख्त रवैया अपनाना शुरू कर दिया है। बाजार में लगातार भ्रमण कर नियमों का उल्लंघन करने वाले दुकानदारों की दुकानें सील कर कार्यवाही शुरू कर दी है।
प्राय: देखा जा रहा है कि विगत कई दिनों से पुलिस और व्यापारी के बीच आंख में चोली का खेल चल रहा है। पुलिस को देखते ही दुकानदार दुकाने बंद कर देते हैं। और पुलिस के जाते ही पुनः खोल कर व्यापार करने लगते हैं।
लेकिन प्रायः देखा जा रहा है कि कपड़ा, बर्तन, किराना एवं अन्य व्यापारी वर्ग ग्राहकों को दुकान के अंदर बुलाकर बाहर से शटर बंद कर देते हैं और बाहर की स्थिति देखकर ग्राहकों को बाहर निकाल देते हैं।
दूसरी ओर आम नागरिकों और किसानों सहित छोटे दुकानदारों एवं शादी की खरीदी करने वाले ग्राहकों की भी मजबूरी है। कि वह घर की आवश्यक सामग्री और शादी की खरीदी कहां से करें।
नगर के आम नागरिकों, किसानों और व्यापारियों का कहना है कि प्रशासन द्वारा लगाए लॉक डाउन का हम भी समर्थन करते हैं। लेकिन जरूरत की चीजें लेने हम कहां जाएं। प्रशासन को चाहिए कि नागरिकों और छोटे व मध्यम वर्ग के व्यापारियों को कुछ मोहलत देना चाहिए। ताकि आम नागरिक अपनी रोजमर्रा की जरूरत की चीजें, खाद्य सामग्री खरीद सके। आम नागरिकों को आवश्यक खाद्य सामग्री खरीदना मजबूरी भी है। आखिरकार वह क्या करें। प्रशासन को चाहिए कि कुछ समय निर्धारित कर, आम लोगों आवश्यक, जरूरत, रोजमर्रा की सामग्री खरीदने की मौहलत देने मांग कर रहे है।
एसडीएम राजेश मेहता, नायब तहसीलदार दौजीराम अहिरवार, और पुलिस प्रशासन निरंतर व्यापारियों पर नजर बनाए हुए हैं। और जो भी दुकानें खुली एवं दुकानों के अंदर ग्राहक मिलते हैं। उन्हें फटकार लगाकर, समझाइश भी दी जा रही है। और ना मानने वाले व्यापारियों की दुकानें सील कर कार्यवाही की जा रही है।
आम नागरिकों का प्रशासन से कहना है कि प्रशासन ने लॉकडाउन लगाते समय उन मध्यम और छोटे वर्ग का ध्यान नहीं रखा। इसलिए इन वर्गों के लोगों को अभी भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन को चाहिए कि वह छोटे और मध्यम वर्ग के नागरिकों एवं व्यापारियों का भी ध्यान रखते हुए। उन्हें व्यापार करने का समय दिया जाए। ताकि वह भी अपना व्यवसाय कर परिवार का पालन पोषण कर सकें।
गंजबासोदा से ओम प्रकाश चौरसिया की रिपोर्ट….