शासकीय चिकित्सक डॉ जैन का प्राइवेटअस्पताल सील,कोरोनावायरस दूत बनकर कर रहे थे इलाज

मध्यप्रदेश विदिशा स्वास्थ्य

गंजबासौदा। कोरोना संक्रमण के दूसरे चरण के बढ़ते प्रकोप में जहां एक ओर कोरोना योद्धा बनकर डॉ समेत अन्य स्टॉप काम कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर चंद रुपयों की लालच में कुछ लोग कोरोना दूत बन कर सामने आ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला जब सामने आया। जब कई दिन की शिकायत के बाद प्रशासनिक अमला एसडीएम राजेश मेहता के नेतृत्व में तहसीलदार यशवर्धन सिंह राठौर, नायब तहसीलदार दोजीराम अहिरवार, ब्लॉक चिकित्सा प्रभारी डॉ रविन्द्र चिडार, देहात टी आई बीड़ी वीरा समेत दल हनुमान चौक स्थित नगर के शासकीय चिकित्सक डॉ अतुल जैन की प्राइवेट क्लिनिक पर पहुंच गए। वहां पहुंचते ही सबके होश ये देख कर उड़ गए कि बाल रोग चिकित्सक अतुल जैन ने प्रशासन को गुमराह कर बिना किसी अनुमति के एक पूरा प्राइवेट नर्सिंग होम चला रहे थे। जिसमें मरीजों को भर्ती कर इलाज चल रहा था। कार्यवाही के समय क्लिनिक पर ड़ॉ साहब तो अनुपस्थित थे। लेकिन उनका स्टॉप मरीजों को देख रहा था। एसडीएम राजेश मेहता ने तत्काल पंचनामा बनाकर क्लिनिक को सील कर दिया। साथ ही एसडीएम ने राजीव गांधी जन चिकित्सालय के प्रभारी रविन्द्र चिडार को निर्देश दिए हैं कि वह पूरी रिपोर्ट प्रस्तुत करें। एसडीएम ने कहा कि नियम विरुद्ध कार्य करने और कोरोना संक्रमण की गाइड लाइन का पालन ना करने पर में इसकी पूरी रिपोर्ट कलेक्टर को दूंगा।

कोरोना संक्रमण के नियमों का कर रहे थे। उलंघन

उपस्थित प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि डॉ अतुल जैन शासकीय चिकित्सक होने के बावजूद कोरोना संक्रमण के नियमों को ताक पर रखकर नागरिकों की जान खतरे में डालकर इलाज कर रहे थे। पतली सी गली में जहां ठीक से निकलने भी जगह नहीं वहां छोटी छोटी दो दुकानों में पूरा अस्पताल संचालित हो रहा था। जहाँ ना तो साफ सफाई का ध्यान रखा जा रहा था और ना ही दो गज की दूरी ओर मास्क का ऐसे में अगर कोई संक्रमित व्यक्ति आकर ओर दूसरे लोगों को संक्रमित कर दे तो जिम्मेदार होगा कौन । यही शिकायतें कई दिन से लगातार आ रही थी। जिसके आधार पर आज प्रशासन ने कार्यवाही की है।

विगत वर्ष स्वयं हो चुके हैं संक्रमित

विगत वर्ष भी इन्हीं लापरवाहियों के चलते स्वयं डॉक्टर साहब कोरोना संक्रमण के शिकार हो चुके हैं। पिछले वर्ष भी डॉ अतुल की लापरवाही की कई शिकायतें आई थी कि संक्रमित होने के बाद कोरेनटाइन बाले समय में ही मरीजों का इलाज कर रहे थे। लेकिन विगत वर्ष प्रशासन की आंखों से बचे रहे। लेकिन इस वर्ष अनुविभागीय अधिकारी राजस्व राजेश मेहता ने अस्पताल सील कर दी।

शासकीय अस्पताल से चंद कदम दूर ही चल रहा था फर्जी अस्पताल

गौरतलब है कि शासकीय अस्पताल से चंद कदम की दूरी पर यह फर्जी अस्पताल चल रहा था। जिसकी लगातार शिकायतें भी आ रही थी। लेकिन अस्पताल प्रबंधन को पता भी नहीं चला ये सम्भव कैसे है।

इनका कहना है

बिना अनुमति के कोरोना गाइड लाइन को दरकिनार करके अस्पताल संचालित किया जा रहा था। शासकीय डॉक्टर को अस्पताल संचालित करने की अनुमति नहीं होती। यहां तो पूरा नर्सिंग होम संचालित था।

जिसे सील किया है कार्यवाही के लिए प्रतिवेदन कलेक्टर महोदय को भी दिया जा रहा है।

राजेश मेहता, एसडीएम, बासौदा

अस्पताल चलाने की अनुमति नहीं। रिपोर्ट बनाकर वरिष्ठ अधिकारियों को भेजी जा रही है।

डॉ रविन्द्र चिडार, प्रभारी राजीव गांधी जन चिकित्सालय

इस पूरे प्रकरण की जानकारी लेने के लिए जब फोन डॉ अतुल जैन उनके नम्बर 7000320060 पर लगाया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।

गंजबासौदा से ओम प्रकाश चौरसिया की रिपोर्ट….

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