ट्रेनों में बरसे पत्थर तो आरपीएफ़ को याद आया अभियान

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जबलपुर |

ट्रेनों पर लगातार होती पत्थरबाजी को रोकने के लिए रेलवे वैसे तो कई अभियान चलाती है, लेकिन आरपीएफ की मदद से कुछ अभियान विशेष तौर पर चलाए जा रहे हैं। यह अभियान तभी चलते हैं जब कोई दुर्घटना हो जाती है। मुंबई से जबलपुर आ रही गरीब रथ के पावर कार में पत्थरबाजी होने से उसकी खिड़की का कांच टूट गया। हालांकि इस घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। वहीं इस मामले में आरपीएफ ने रेलवे ट्रैक के पास खेल रहे कुछ बच्चों को गिरफ्तार किया, जिन्हें रेलवे कोर्ट ने समझाएं देकर छोड़ दिया।

नहीं सुधरे हालात : इस घटना के बाद एक बार फिर आरपीएफ का वह अभियान शुरू होने जा रहा है जो रेलवे ट्रैक के आसपास रहने वाले लोगों को जागरूक करता है कि वह ट्रेन पर पत्थर ना बरसाएं। आरपीएफ का यह अभियान फिर चल पड़ा है। आरपीएफ द्वारा ट्रेन में हो रही पत्थरबाजी को रोकने के लिए इस तरह का अभियान कई बार चलाया गया, लेकिन इसके सार्थक परिणाम नहीं मिले। जबलपुर रेल मंडल ने भी अपनी सीमा में आने वाले 98 रेलवे स्टेशनों और उसके आसपास रहने वाले ग्रामीण क्षेत्रों को जागरूक करने के लिए रेलवे बजट को खर्च कर यह अभियान चलाया, लेकिन जब इसके सार्थक परिणाम की बात आई तो हालात जस के तस रहे। अभी भी घटनाएं लगातार हो रही हैं।

आरपीएफ ने फिर चलाएगी अभियान : जबलपुर रेल मंडल की आरपीएफ को जिम्मेदारी दी गई थी कि रेलवे ट्रैक के आसपास रहने वाले बच्चों, युवा और बड़े बुजुर्गों को इस बात के लिए जागरूक करें कि रेलवे ट्रैक से गुजरने वाली ट्रेनों में पत्थरबाजी ना की जाए। इतना ही नहीं पत्थरबाजी करने वालों की सही जानकारी रेलवे तक पहुंचाने के लिए भी आरपीएफ ने कई ग्रामीण जनों को तैयार भी किया, लेकिन इस अभियान को बंद कर दिया गया। अब जब गरीब रथ में पथराव का मामला सामने आया है तो आरपीएफ फिर एक बार यह अभियान चलाने जा रही है।

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