उज्जैन: कालो के काल बाबा महांकाल जो कि उज्जैन के राजा है, जिनके दर्शन के लिए लोग देश विदेश से आते है। माना जाता है बाबा महांकाल खुद सभी कालो के राजा है ऐसे में कुछ वर्ष पहले महांकालेश्वर मंदिर में जो शिवलिंग है उसके क्षरण को लेकर एक याचिका दर्ज कराइ गई थी, और मंदिर कक्ष की सुरक्षा और मजबूती की बात भी कही गई थी।
उज्जैन का महांकालेश्वर शिवलिंग 12 शिवलिंगो में से एक है यह मंदिर क्षिप्रा नदी के किनारे बसा है जहाँ हर 12 सालो में महाकुम्भ मेला भी आयोजित किया जाता है, ऐसे में इसकी सुरक्षा और मजबूती एवं शिवलिंग के क्षरण को लेकर लगी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर के पुरे स्ट्रक्चर की मजबूती को जांचने के आदेश दिए थे।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उज्जैन आई केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की की टीम ने पूरी तरह से मंदिर परिसर और शिवलिंग की जांच के बाद उनका मानना है कि महाकाल मंदिर का ढांचा काफी मज़बूत और सुरक्षित है, साथ ही इस संदर्भ में उज्जैन कलेक्टर ने उनसे चर्चा के बाद ये जानकारी दी, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर CBRI महाकाल मंदिर के ढांचे की जांच कर रही है कि “CBRI की टीम ने बताया है कि महाकाल मंदिर का स्ट्रक्चर काफी मजबूत है, केवल एक दो जगह ऐसी है जहा कमियां मिलीं है, और अपनी ये रिपोर्ट में उसका जिक्र कर सुप्रीम कोर्ट को सौपेंगे।
किन जगहों में होगा बदलाव-
CBRI की रिपोर्ट के बाद मंदिर में कुछ जगह में बदलाव की जरुरत है जिसमे महाकाल मंदिर के दूसरे तल पर स्थित नागचंद्रेशवर मंदिर जो साल में सिर्फ एक दिन नागपंचमी पर खुलता है लेकिन इस एक दिन यहाँ लाखों श्रद्धालु आते है। मंदिर में दर्शन करने के लिए कोई बड़ा रास्ता नहीं है इसलिए काफी दिक्कत होती है, लेकिन अब CBRI टीम की सलाह के बाद मंदिर समिति बहुत जल्द ही इसमें बदलाव करने जा रही है, और अन्य छोटी जगह जहा कुछ जरुरत होगी तो बदलाव किया जायेगा।