भारत में काम कर रही हैं 572 ब्रिटिश कंपनियां, 173 अरब रुपये का चुकाती हैं टैक्स

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लंदन, । भारत में 572 ब्रिटिश कंपनियां काम कर रही हैं, जिनका कुल टर्नओवर करीब 3,390 अरब रुपये का है। 2019-20 में प्रत्यक्ष रूप से 4,16,121 लोगों को रोजगार देने वाली ये कंपनियां 173 अरब रुपये का टैक्स चुकाती हैं। ग्रांट थॉर्नटन भारत और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआइआइ) की ओर से जारी रिपोर्ट ‘ब्रिटेन मीट्स इंडिया’ में यह बात सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, डायसन टेक्नोलॉजीज और अवीवा लाइफ इंश्योरेंस कंपनी ऐसी कंपनियों में शुमार हैं, जिन्होंने 100 फीसद से ज्यादा का विकास दर्ज किया है। लंदन मुख्यालय वाली जी4एस पीएलसी को टॉप एंप्लायर बताया गया है।

ग्रांट थॉर्नटन भारत एलएलपी की पल्लवी जोशी ने कहा, ‘यह रिपोर्ट भारतीय अर्थव्यवस्था में ब्रिटेन की कंपनियों के योगदान को रेखांकित करती है।’ इस रिपोर्ट को ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त गायत्री इस्सर कुमार, भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस और विदेश मंत्रालय के संदीप चक्रवर्ती की उपस्थिति में वर्चुअल कार्यक्रम में जारी किया गया। इसमें यह भी पाया गया है कि 2015-16 के 89.8 करोड़ डॉलर के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) की तुलना में 2019-20 में वहां से 142.2 करोड़ डॉलर की निवेश आया।

ग्रांट थॉर्नटन यूके एलएलपी में साउथ एशिया ग्रुप के प्रमुख अनुज चंदे ने कहा, ‘अब हमारे पास भारत में ब्रिटिश कंपनियों के आर्थिक योगदान का खाका है। इंडिया मीट्स ब्रिटेन और ब्रिटेन मीट्स इंडिया दोनों रिपोर्ट से भारत व ब्रिटेन के द्विपक्षीय कारोबार की स्पष्ट तस्वीर बनी है।’ इंडिया मीट्स ब्रिटेन की रिपोर्ट ब्रिटेन में काम करने वाली भारतीय कंपनियों के आधार पर तैयार की जाती है।भारत में ब्रिटिश कंपनियों ने सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में निवेश किया हुआ है। हरियाणा, दिल्ली, तमिलनाडु, तेलंगाना और कर्नाटक भी इस मामले में आगे हैं। राजस्व के आधार पर टॉप 20 कंपनियों में वेदांता, वोडाफोन, हिंदुस्तान यूनीलिवर और यूनाइटेड स्पिरिट्स इंडिया के नाम शामिल हैं।

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