Credit Score क्या है: नए साल में हाई क्रेडिट स्कोर क्यों है जरूरी,

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कोरोना महामारी के दौरान आर्थिक अनिश्चितताओं और आय संबंधी व्यवधानों ने हमारे जीवन में वित्तीय अनुशासन बनाए रखने के महत्व पर फिर से जोर दिया है। हमारी वित्तीय स्थिति जिन बातों पर निर्भर करती हैं उनमें बचत, संपत्ति, मौजूदा बैंक बैलेंस, निवेश और वित्तीय पोर्टफोलियो है। इसमें सबसे जरूरी एक बात है जिसे नजरअंदाज कर दिया जाता है वो है क्रेडिट स्कोर। क्रेडिट स्कोर के बदौलत ही बैंक आपको कर्ज देते हैं। नए साल 2021 में अपने क्रेडिट स्कोर को बनाकर रखिये और इसके फायदे उठाइए।

कम ब्याज दर और कर्ज और प्रोसेसिंग फीस: कई उधारदाता आवेदकों के लिए उधार दरों को तय करके जोखिम-आधारित मूल्य निर्धारण करते हैं। चूंकि उच्च क्रेडिट स्कोर वाले कर्ज आवेदक क्रेडिट डिफॉल्ट के कम जोखिम को दिखाते हैं, कर्जदाता ऐसे आवेदकों को कम ब्याज दर देकर उन्हें लुभाने की कोशिश करते हैं। कम क्रेडिट स्कोर वाले आवेदकों के मामले में उधारदाता उच्च ब्याज दर चार्ज करके उच्च क्रेडिट जोखिम के लिए क्षतिपूर्ति करते हैं।

प्री-अप्रूव्ड लोन ऑफर: कई उधारदाताओं और ऑनलाइन वित्तीय बाजारों ने आपके क्रेडिट स्कोर के आधार पर प्री-अप्रूव्ड लोन की पेशकश करते हैं। ऐसे प्री-अप्रूव्ड लोन या कार्ड ऑफ़र में कम ब्याज दर, बेहतर उत्पाद सुविधाएं और जल्द प्रोसेसिंग टाइम जैसे लाभ शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा ये प्री-अप्रूव्ड प्रस्ताव आपको आपकी क्रेडिट पात्रता और क्रेडिट प्राप्त करने की लागत के बारे में एक उचित विचार देने में आपकी सहायता कर सकते हैं।

उच्च कर्ज पात्रता: क्रेडिट स्कोर आपके कर्ज आवेदन का मूल्यांकन करते समय उधारदाताओं द्वारा दिए गए पहले फिल्टर में से एक है। आमतौर पर 750 और उससे अधिक के क्रेडिट स्कोर वाले आवेदकों को लोन मिलने की संभावना ज्यादा होती है, क्योंकि उन्हें वित्तीय रूप से अधिक अनुशासित माना जाता है। जबकि कम क्रेडिट स्कोर वाले आवेदकों को कर्जदाताओं द्वारा जोखिम की संभावना के रूप में माना जाता है। जिसे कर्ज लेना मुश्किल हो सकता है।

कैसे बढ़ाएं क्रेडिट स्कोर: क्रेडिट के रीपेमेंट के संबंध में अनुशासन बनाना महत्वपूर्ण है। देय तारीख से पहले ईएमआई और क्रेडिट कार्ड बकाया का भुगतान कर देना चाहिए। ग्राहक को एक अच्छा क्रेडिट हिस्ट्री बनाना चाहिए, जिसमें विभिन्न प्रकार के क्रेडिट, अल्पावधि या दीर्घकालिक सुरक्षित ट्रैक को दिखाना चाहिए जिससे पता चले कि ग्राहक भविष्य में लोन भर सकता है। जहां ग्राहक जॉइंट होल्डर है वहां लोन के लिए किए गए रीपेमेंट की निगरानी करना महत्वपूर्ण है। ग्राहक जॉइंट लोन पर ईएमआई भुगतान करने के लिए समान रूप से जिम्मेदार है और इसका क्रेडिट स्कोर पर सीधा असर पड़ता है। 

सीयूआर क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो होता है। उदाहरण के लिए,अगर आपके कार्ड की लिमिट एक लाख है और आप एक महने में 50,000 रुपये खर्च करते हैं, तो आपका सीयूआर 50 फीसद होगा। अपने सीयूआर को 20 से 30 फीसद बनाए रखना एक आदर्श स्थिति होती है।

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