तेल से भरा जापानी जहाज दो हिस्सों में टूटकर अलग हुआ

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टोक्यो । मारीशस के समुद्री तट पर एक जापानी तेल मालवाहक जहाज ‘एमवी वाकाशियो’ के एक चट्टान पर घिर कर अटक जाने के बाद दो हिस्सों में टूटने से समुद्री जीव-जंतुओं के जीवन पर संकट के बादल छा गए हैं। मॉरीशस नेशनल क्राइसिस कमेटी  ने कहा कि शनिवार को जहाज की हालत काफी खराब हो गई थी और दोपहर होते-होते वह टूटकर अलग हो गया। कमेटी के बयान में यह भी कहा गया है कि जहाज के आगे का हिस्सा शाम 4:30 बजे अलग होता हुआ देखा गया। विशेषज्ञों की सलाह के आधार पर अब इससे खींच कर बाहर लाने की योजना पर विचार किया जा रहा है।
25 जुलाई को यह जहाज एक कोरल रीफ में अटक गया था जिसमें लगभग 1,000 टन ईंधन तेल समुद्र में रिस कर लुप्तप्राय प्रवाल, मछली और अन्य समुद्री जीवन को खतरे में डाल चुका है। वैज्ञानिकों ने इस घटना को देश की सबसे खराब पारिस्थितिकी आपदा कहा था। इस जहाज से हिंद महासागर के लैगून में लगभग 1,000 मीट्रिक टन तेल का रिसाव हो चुका था। मॉरीशस मरीन कंजर्वेशन सोसाइटी के अध्यक्ष जैकलीन सौज़ियर ने शनिवार सुबह रायटर को बताया कि शुक्रवार को जहाज से कुछ अवशिष्ट तेल लिक होकर महासागर में फ़ैल गया है। अधिकारियों ने शनिवार को पोत के चारों ओर तेल को निकालने में मदद करने के लिए बूम तैनात कर दिए हैं।
इस संकट से निपटने के लिए बनी समिति ने कहा है कि संवेदनशील स्थानों जैसे ब्लू बे मरीन पार्क, इले ऑक्स ऐग्रेतेट्स और पोइंट डी’सनी नेशनल रामसर साइट पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मॉरीशस सरकार ने गुरुवार को कहा कि जहाज से अधिकांश तेल बाहर निकाल लिया गया है लेकिन अभी भी 166 टन ईंधन तेल जहाज के अंदर है और अधिकारी इसे निकालने के लिए काम कर रहे हैं। जापानी पर्यावरण मंत्री शिंजिरो कोइज़ुमी ने शनिवार को कहा कि नुकसान का आकलन करने के लिए टोक्यो ने मंत्रालय और अन्य विशेषज्ञों के अधिकारियों की एक टीम भेजने की योजना बनाई है। एमवी वाकाशियो जापानी कंपनी मित्सुई ओएसके लाइन्स द्वारा संचालित एक कार्गो जहाज है। यह चीन से ब्राजील जा रहा था जब रास्ते में 25 जुलाई को चट्टानों के बीच फंस गया और पिछले गुरुवार को इस जहाज से समुद्र में तेल लीक होना शुरू हो गया था।

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