कानपुर कांड से लेकर कानपुर एनकाउंटर तक 10 प्वाइंट में जानें विकास दुबे का किस्सा

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हाल ही में यूपी के कानपुर में डीएसपी देवेंद्र मिश्रा सहित 8 पुलिसकर्मियों की हत्याकर भागने के बाद पकड़े गए आरोपी विकास दुबे को कानपुर ला रही STF टीम की गाड़ी पलट गई। इस बीच सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि गाड़ी पलटने के बाद विकास दुबे ने पुलिसकर्मियों से हथियार छीनकर भागने की कोशिश की और वह मुठभेड़ में मारा गया है।

यहां हम आपको विकास के पुलिस पर हमले से लेकर एंकॉउंटर तक की 10 बड़ी बातें बता रहे हैं-

-बीते 2 जुलाई की रात कानपुर के बिकरू गांव पुलिस की टीम हिस्ट्रीशीटर गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने के लिए पहुंची थी। इस बात की सूचना उसे पहले ही मिल गई। जानकारी मिलने के बाद उसने जेसीबी से रास्ते को घेर दिया और आठ पुलिस वालों की हत्या कर दी। 

-विकास दुबे ने पूछताछ में बताया कि उसके मुखबिर सिर्फ चौबेपुर थाने में ही नहीं बल्कि आसपास के तमाम थानों में थे। उसने बताया कि उसने लॉकडाउन के दौरान सभी पुलिसवालों की काफी मदद की थी।

-विकास दुबे की गिरफ्तारी से पहले उसकी पत्नी ऋचा, बेटा और नौकर महेश को लखनऊ के कृष्णानगर से गिरफ्तार कर लिया गया।

-फरार चल रहा विकास 9 जुलाई को सुबह 8:50 बजे एमपी के उज्जैन के महाकाल मंदिर पहुंचा था। बाहर केशव नाम के दुकानदार की फल और पूजन सामग्री की दुकान पर उसने मंदिर में- दर्शन को लेकर वीआईपी पर्ची कटाने के बारे में जानकारी मांगी। इसके बाद 250 रुपए में पर्ची कटवाई। केशव को शक हुआ तो उसने मंदिर में तैनात सिक्योरिटी गार्ड राहुल को जानकारी दी।

– गार्ड को संदेह हुआ तो उसने महाकाल थाना पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची तो गार्ड ने विकास को सौंप दिया। जब पुलिस उसे गाड़ी में बैठाने लगी तभी वह जोर से चिल्लाया कि मैं विकास दुबे हूं कानपुर वाला।

-उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर विकास दुबे को पुलिस ने मध्य प्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तारी के बाद पुलिस से पूछताछ में दुर्दांत अपराधी विकास दुबे के खुलासों से पता चल रहा है कि उसके मंसूबे कितने खतरनाक थे। 

-सात दिन की तलाश के बाद मध्य प्रदेश पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। इसके बाद एमपी की पुलिस ने विकास दुबे को उज्जैन कोर्ट में पेश कर देर शाम यूपी एसटीएफ की टीम को सौंप दिया था।

-दुबे ने पकड़े जाने पर पूछताछ में इस बात को कबूल किया है कि वह हत्या के बाद आठों पुलिस वालों के शव को जला देना चाहता था। इसके लिए उसने पूरी तैयारी कर ली थी लेकिन ऐसा कर न सका। 

-विकास ने पूछताछ में यह भी बताया कि शहीद देवेंद्र मिश्रा का पैर काटा था क्योंकि वह मेरे एक पैर में गड़बड़ी को लेकर टिप्पणी कर चुके थे।

-इससे पहले गुरुवार को दुबे का साथ प्रभात भी इसी तरह भागने की कोशिश के दौरान मारा गया था। दुबे कई और साथी भी एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं

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