केंद्र सरकार की गरीबों के लिए शुरू की गई आयुष्यमान योजना किन-किन अस्पताल में लागू है, इसकी सही जानकारी मरीजों और परिजनों को नहीं मिलने से कार्डधारी हितग्राही यहां वहां भटक रहे हैं। इस योजना के तहत कई अस्पताल आयुष्मान योजना का फायदा उठा रहे हैं और सरकारी तंत्र की लापरवाही का फायदा धंधेबाज प्राइवेट अस्पताल संचालक उठा रहे हैं। मामले को लेकर सीएमएचओ डाॅक्टर प्रवीण जाडिया ने बताया कि अस्पतालों की सूची तो मिल गई, लेकिन उसमें कौन सा अस्पताल किस बीमारी का इलाज करेंगे। इसका उल्लेख फिलहाल नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि आयुष्मान योजना 2011 के लोगों के लिए जो जनगणना में शामिल थे, एसईसीसी के तहत उनमें डी-1 से डी-7 तक के लोगों इस योजना में शामिल किया है। ऐसे लोग जो असंगठित मजदूर हैं, जिसके पास खाद्यान्न पर्ची है। रहा सवाल इलाज का तो जितने भी चिन्हित अस्पताल है आयुष्मान के तहत उन्हें बाहर लिखना होगा यह किन बीमारियों के लिए चिन्हित है, जिससे यह पता चल सके मरीजों के साथ कोई धोखाधड़ी नहीं हो रही है। पहले इस योजना में कम अस्पताल चिन्हित थें लेकिन अब मध्यप्रदेश सरकार ने इस शर्त को भी समाप्त कर दिया है, जिसके तहत नए अस्पताल भी अब सामने आने लगे हैं।