कानपुर : मंत्री से एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता का चेक लेते हुए बेहोश हुईं शहीद सीओ की पत्नी

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कानपुर में शहीद हुए कुछ पुलिसकर्मियों के परिजनों को मंगलार को आर्थिक सहायता का चेक दिया गया। कानपुर में शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा की पत्नी को राज्यमंत्री ने पीडब्लयूडी में एक करोड़ की सहायता राशि का प्रमाण पत्र दिया। रोते हुए पत्नी आशा बोलीं उनके दोनों बेटियों को नौकरी मिले। मंत्री से प्रमाण पत्र लेते हुए शहीद सीओ की पत्नी बेहोश हो गईं। मंत्री ने उन्हें अपने हाथों से पानी पिलाया गया। साथ ही हर संभव मदद का भरोसा दिलाते हुए कहा कि विकास दुबे नहीं बचेगा। ऐसी सज़ा मिलेगी कि उसकी सात पुस्तें याद रखेंगी उन्होंने कहा कि गद्दार पुलिसकर्मियों को भी सरकार नहीं छोड़ेगी। 

औरैया में शहीद सिपाही के परिजनों को प्रभारी मंत्री ने सौंपी सहायता राशि
औरैया के प्रभारी मंत्री एवं प्रदेश सरकार के कारागार एवं लोक सेवा प्रबंधन राज्यमंत्री जय कुमार उर्फ जैकी ने मंगलवार को रूरूकलां गांव पहुंच कर चौबेपुर कांड में शहीद हुए सिपाही राहुल के परिजनों को सरकार द्वारा घोषित एक करोड़ रूपए की सहायता राशि सौंपी। शहीद सिपाही राहुल कुमार के पिता ओम कुमार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा घोषित एक करोड़ रूपए की सहायता राशि सौंपते हुए कहा कि राहुल की शहादत बेकार नहीं जाएगी। अपराधी कहीं भी छिपे हों उन्हें ढ़ूंढकर कड़ी से कड़ी सजा दिलायी जाएगी। जैकी ने बताया कि इसके अलावा शहीद परिवार की सहमति से परिवार के किसी एक सदस्य को नौकरी दी जाएगी, पत्नी को पेंशन मिलेगी। शहीद के घर तक एक सड़क बनेगी जिसका नामकरण शहीद राहुल के नाम से होगा। उन्होंने बताया कि शहीद की याद में पैत्रक गांव में स्मृति द्वार या पार्क बनवाए जाने के लिये जिलाधिकारी से जगह चिन्हित करने को कहा गया है। साथ ही कहा कि उनकी सरकार शहीद के परिवार के हर सुख-दुख में साथ है और हम उनके हर संकट में साथ खड़े होंगे।
 

सीओ की बेटी ने कहा था अपराधियों का खात्मे के लिये बनूंगी पुलिस अफसर : 

पापा मुझे डॉक्टर बनाना चाहते थे, लेकिन अब उनकी शहादत के बाद मैंने पुलिस अफसर बनकर अपराधियों का खात्मा करने की ठान ली है…। शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा की बेटी ने यह बात कही। देवेंद्र मिश्रा की  दो बेटियां वैष्णवी व वैशारदी हैं। बड़ी बेटी उन्नाव के एक डिग्री कॉलेज से बीएससी सेकेंड ईयर की पढ़ाई करने के साथ ही नीट की तैयारी कर रही है। लेकिन पिता की शहादत ने उसे इस कदर झकझोर दिया कि अब डॉक्टर की पढ़ाई करने का लक्ष्य पीछे छूट गया है। वैष्णवी ने बताया कि अब वह भी पिता की तरह बहादुर पुलिस अफसर बनना चाहती है। क्यों कि विकास जैसे दुर्दांत अपराधियों का खात्मा कर सके। इससे कि फिर किसी बेटी के सर से पिता और पत्नी के सर से पति का साया नहीं उठे।

शहीद की बेटी का यह हौसला देख सभी पुलिस कर्मियों की भी आंखें नम हो गईं।मुख्यमंत्री ने भी पुलिस कर्मियों की शहादत के बाद परिवार के किसी सदस्य को नौकरी देने की घोषणा की है।बेटी के देश सेवा के लिए आगे आने पर पुलिस कर्मियों और परिवार के लोगों का सिर गर्व से ऊंचा हो गया।

पति की शहादत के बाद अब बेटी करेगी पुलिस में देश सेवा
पति की शहादत के बाद भी सीओ की पत्नी आशा मिश्रा का हौसला नहीं डिगा, उन्होंने बेटी के पुलिस अफसर बनने की इच्छा पर सवाल पूछने पर कहा कि देश सेवा के दौरान पति शहीद हुए हैं। अब बेटी भी देश सेवा करेगी मुझे गर्व है। बस उन्होंने रोते हुए और रूंधे गले से एक ही बात कही कि विकास को उसके पापों की सजा मिलनी चाहिए। विकास जैसे अपराधियों को जीने का हक नहीं है।

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