पाकिस्तान ने कराची हमले के लिए भारत को दोषी ठहराया

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कराची स्टॉक एक्सचेंज में 29 जून को हुए आतंकी हमले में चीन समर्थित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के सदस्यों ने पाकिस्तान द्वारा इस हमले के लिए भारत को दोषी ठहराने की कोशिश पर नाखुशी जताई है। आपको बात दें कि बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी के चार आतंकवादियों के अलावा इस हमले में 19 लोगों की मौत हुई थी।

न्यूयॉर्क स्थित राजनयिकों के अनुसार, चीन ने मंगलवार को इस हमले पर UNSC में प्रस्ताव रखा गया। यूएनएससी द्वारा एक आतंकी हमले के बाद इस तरह के बयान नियमित रूप से जारी किए जाते हैं, लेकिन यूएनएससी के सदस्यों ने पाकिस्तान के बयानों पर अंतिम समय पर हस्तक्षेप किया। पाक के विदेश मंत्री मकदूम शाह महमूद कुरैशी द्वारा भारत पर बिना सबूतों के लगाए गए दोष का प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी साथ दिया। भारत ने अपनी ओर से इसे पूरी तरह से खारिज कर दिया।

यह माना जा रहा है कि यूएनएससी के सदस्यों ने कहा कि सुरक्षा परिषद द्वारा इस मामले को निपटाया नहीं जाना चाहिए क्योंकि कुरैशी के बयान ने परिषद के एक गैर-स्थायी सदस्य को दोषी ठहराकर माहौल को खराब किया गया। हालांकि यूएनएससी द्वारा बयान बुधवार (आज) दिन में जारी किए जाने की उम्मीद है। चीनी राजनयिकों ने अन्य सदस्यों को यह कहते हुए इस मुद्दे पर अपनी निराशा व्यक्त की कि यह यूएनएससी का दायित्व है कि वह अपनी आवाज को समय रहते उठाए। संयुक्त राष्ट्र में एक चीनी राजनयिक ने कहा कि कार्रवाई करना “धीरे-धीरे दूसरों और पीड़ितों को एक बुरा संकेत देगा।” 

पाकिस्तान के डॉन न्यूज टीवी के अनुसार, स्टॉक एक्सचेंज पर 28 जून  को हुए आतंकी हमले में कई लोग घायल भी हुए। हमले के फौरन बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर इलाके को सील कर दिया। पुलिस ने हमलावरों के पास से ग्रेनेड और हथियार भी बरामद किए। जानकारी के अनुसार, हमले के वक्त बंदूकधारी काले रंग की कार में आए।

इनमें से दो बंदूकधारी पार्किंग क्षेत्र तक पहुंचने में कामयाब हो गए. इसके बाद गोलीबारी शुरू हो गई और अधिकारियों-व्यापारियों ने अंदर भागकर अपनी जान बचाई। एक घंटे तक चली गोलाबारी में सभी चार बंदूकधारी मारे गए। बाद में कराची स्टॉक एक्सचेंज के एक निदेशक ने मीडिया के सामने बयान दिया। बता दें कि पिछले साल बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी  ग्रुप ने ग्‍वादर में एक पांच सितारा होटल पर हमला किया था

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