भोपाल। कालापीपल से विधायक कुणाल चौधरी जी ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार और प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा जिस प्रकार से किसानों की गेहूं खरीदी नही करने की मंशा से तुगलकी फरमान जारी किया जा रहा है । कल सरकार द्वारा आदेश जारी किया गया कि दिनांक 19 मई तक सिर्फ 11 12 13 तारीख के मैसेज गए किसानों के ही गेहूं तू लेंगे और जो बाकी रहेंगे उनके नहीं सुन पाएंगे फिर 14 और 15 तारीख वाले किसानों के लिए 20 तारीख और इस प्रकार आगे से मात्र 24 घंटे के अंदर जिस किसान को मैसेज आया है और अगर उसकी फसल 24 घंटे के अंदर तुल जाती है तो ठीक है वरना उसका गेहूं नहीं तोला जाएगा।
विधायक कुणाल चौधरी जी ने आरोप लगाते हुए कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी जिस प्रकार से आप और आपके सरकार के नुमाइंदे ऐसी कमरों में बैठकर फैसले ले रहे हैं। एसी कमरों में बैठकर फैसले लेने से कुछ नहीं होता जमीन पर उतर कर देखिए एक तरफ तो आप किसानों से बोलते हैं कि s.m.s. आने पर ही खरीदी केंद्र पर आए और जिस किसान के पास स्वयं का वाहन नहीं है उसे वाहन न मिलने के कारण व खरीदी केंद्रों पर लेट पहुंचता है या अधिक दाम देकर किराए से वाहन कर खरीदी केंद्र पर पहुंचता है और जिस किसान को 300 कुंटल का मैसेज आता है ।वहां अपने पास संसाधनों की कमी के कारण दूसरे किराए के वाहन कर खरीदी केंद्र पर पहुंचता है तब उसे लंबी लाइनों में 5 से 7 दिन तक खड़ा रहना पड़ता है और उसे उन वाहनों का अतिरिक्त किराया भी देना पड़ता है ।
विधायक चौधरी जी ने आगे कहा कि एक तरफ सरकार अपनी अव्यवस्थाओं के कारण किसानों को लंबी-लंबी लाइनों में 7 से 8 दिन खड़े होने पर मजबूर कर रही है ।कहीं बारदानों की कमी, कई धीमी तुलाई ,कहीं के परिवहन ना होने का बहाना इस प्रकार से किसानों को सही समय पर खरीदी केंद्र पर पहुंचने के बाद भी 8 दिन तक पहले तो अपनी बारी का इंतजार करना पड़ रहा है ।
और ऐसे में सरकार द्वारा इस प्रकार के तुगलकी फरमान जारी कर दिए जाते हैं गेहूं खरीदी से मना कर दिया जाता है इससे शिवराज सिंह जी की मंशा स्पष्ट है कि वह किसानों का गेहूं खरीद नहीं नहीं जाते जहां एक और पिछले वर्ष किसान 12 घंटे में अपनी फसल दिलवाकर खरीदी केंद्र से पूछ वापस अपने घर आ जाता था वहीं आज 8 दिन के लंबे इंतजार के बाद भी उसे बेबस लाचार मानकर बिना गेहूं तुलाई के वापस अपने घर आने पर मजबूर किया जा रहा है
विधायक चौधरी ने शिवराज सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस संकट की घड़ी में सरकार किसानों के साथ भेदभाव पूर्ण व्यवहार ना करें उनसे बदले के भाव से काम ना करें एक तरफ शिवराज सिंह जी कहते हैं कि किसानों का एक-एक दाना खरीदा दूसरी तरफ उसके साथ इस प्रकार का सौतेला व्यवहार ना करें अगर आपको गेहूं खरीदी नहीं करना है तो इन सोसाइटी ओ पर ताला लगा दे मगर किसानों के साथ ऐसे धोखे ना करें पहले भी आपके द्वारा किसानों को गोली मारने का काम किया गया है और आज फिर आप उसी पद चिन्हों पर चलने के लिए किसानों को उकसा रहे हैं
किसानों का संपूर्ण गेहूं खरीदना सरकार का दायित्व हे प्रदेश के मुख्यमंत्री किसानों के प्रति अपने दायित्व का निर्वाह करें।