दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और एमआर शाह की पीठ ने पत्रकार अर्नव गोस्वामी के खिलाफ दर्ज मामलों की जांच सीबीआई को सौंपने से इंकार कर दिया ।और कहां अगर समाचार मीडिया नहीं बोलेंगे तो स्वतंत्र नागरिकों का भी वजूद नहीं रहेगा पत्रकारों को बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार उच्च स्तर पर है, लेकिन यह पूर्ण नहीं है। स्वतंत्र प्रेस के बिना नागरिकों की स्वतंत्रता कायम नहीं रह सकती उन्होंने यह भी कहा जब तक पत्रकार सच बोलते हैं तभी तक उनकी प्रेस की आजादी कायम रहती है ।यह टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पत्रकार अर्नव गोस्वामी की याचिका व महाराष्ट्र सरकार की याचिका पर फैसला सुनाते हुए की है।