कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को फिर एक बार राफेल डील को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कारोबारी अनिल अंबानी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा- राफेल इसलिए समय पर नहीं आ पाया क्योंकि उसका पैसा अनिल अंबानी के पास पहुंच गया। फाइल में लिखा है पीएमओ ने सारी सौदेबाजी की। मोदी राफेल डील पर दैसो से समानांतर बातचीत कर रहे थे। अगर वे दोषी नहीं हैं तो खुद के खिलाफ जांच की इजाजत क्यों नहीं देते? इस पर जेपीसी को क्यों नकारा जा रहा है?
राहुल ने आगे कहा
- प्रधानमंत्री ने रात में सीबीआई प्रमुख को हटाया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उन्हें फिर इस पद पर लाया गया, लेकिन फिर हटा दिया गया। सबकी जांच होती है तो प्रधानमंत्री की भी होनी चाहिए।
- पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने एक टेप में साफ कहा है कि (राफेल सौदे की) सारी फाइलें उनके पास हैं।
- पहले आपने कहा कि राफेल में कुछ नहीं है। बाद में हमने बताया कि कुछ गड़बड़ हुई है। इसके बाद हिंदू अखबार ने नाम के साथ लिखा कि राफेल में गड़बड़ हुई।
- हमने जब जेपीसी की मांग की तो सरकार उसे नहीं मानी। प्रधानमंत्री खुद क्यों नहीं कहते कि मैं चौकीदार हूं, मैंने चोरी नहीं की है। उन्हें खुद इस मामले की जांच करानी चाहिए।
‘पीएमओ मतलब- प्रधानमंत्री’
राहुल ने राफेल डील पर आगे कहा, ‘‘पीएमओ समानांतर बातचीत क्यों कर रहे थे। उसका कोई कारण होगा। वरना नेगोशिएशन टीम तो अपना काम कर ही रही थी। अगर सरकार कह रही है कि राफेल सौदे के दस्तावेज चोरी होने से ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट का उल्लंघन हुआ है, तो उस पर एफआईआर दर्ज कराएं। पीएमओ का मतलब प्रधानमंत्री ऑफिस नहीं। सीधे प्रधानमंत्री है।’’
‘‘पेपर में पढ़ा- शहीदों के परिवार वाले भी मांग रहे सबूत’’
राहुल ने कहा- कल मैंने अखबार में पढ़ा कि जो सीआरपीएफ के जवान शहीद हुए उनके परिवारों ने (एयर स्ट्राइक के) सबूत देने की मांग उठाई है। उन्होंने कहा है कि हमें चोट लगी है तो हमें दिखाइये कि क्या हुआ।
‘हमें पाक का पोस्टर बॉय कहते हैं’
राहुल ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री पठानकोट में आईएसआई को बुलाते हैं। वे पाकिस्तान जाकर नवाज शरीफ को गले लगाते हैं और फिर हमें पाक का पोस्टर बॉय कहा जाता है।’’
धार में मोदी ने कहा था- स्ट्राइक का विरोध करने वाले पाक के पोस्टर बॉय
मोदी ने मध्यप्रदेश के धार में बुधवार को कहा था, ‘‘एक तरह से देखें, तो भारत के ये महामिलावटी लोग पाकिस्तान के पोस्टर बॉय बन गए हैं। जब हमारी एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान की बोलती बंद हो गई और वह दुनिया में अलग-थलग पड़ गया, तो इस पड़ोसी मुल्क की इज्जत बचाने को ये महामिलावटी लोग ही आगे आ गए। इनमें से कोई व्यक्ति हमारी एयर स्ट्राइक के सबूत मांगने लगा, तो कोई इस हमले में मारे आतंकियों की संख्या पूछने लगा। और तो और, ये लोग मोदी से अपनी नफरत के कारण पाकिस्तान को ही शांति का दूत बताने लगे।’’