मध्यप्रदेश में लगातार चल रही सियासी हलचल के बीच शनिवार को बीजेपी प्रतिनिधिमंडल द्वारा राज्यपाल से मिलकर फ्लोर टेस्ट कराने की मांग को राज्यपाल लालजी टंडन ने स्वीकार कर लिया है और मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखकर बजट सत्र के प्रथम दिन फ्लोर टेस्ट किए जाने के आदेश दिए हैं।
ज्ञात हो कि भाजपा ने राज्यपाल को ज्ञापन दिया था कि कमलनाथ सरकार अल्पमत में है और 22 विधायकों के इस्तीफे के कारण बहुमत खो चुकी है और इस सरकार को चलाने का कोई संवैधानिक अधिकार मुख्यमंत्री को नहीं है इसीलिये तुरंत फ्लोर टेस्ट कर विश्वास मत साबित किया जाए। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने ट्वीट करके जानकारी दी है कि प्रतिनिधिमंडल में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान, नरोत्तम मिश्रा, रामपाल सिंह और भूपेंद्र सिंह शामिल थे और इन्होने फ्लोर टेस्ट की मांग की। विशेष बात ये कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता और हरियाणा के पूर्व राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी और पूर्व महाधिवक्ता पुष्पेंद्र कौरव ने भी राजभवन पहुंचकर राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की। इसके अलावा विधानसभा अध्यक्ष ने सभी विधायकों को 15 मार्च की शाम तक पहुंचने का नोटिस दिया है। 16 मार्च से बजट सत्र प्रारंभ होना है आपको बता दें कि सीएम कमलनाथ खुद फ्लोर टेस्ट की मांग कर चुके हैं लेकिन मामला यहां अटक गया था कि कांग्रेस के अनुसार फ्लोर टेस्ट राज्यपाल के अभिभाषण के बाद हो और बीजेपी मांग कर रही थी कि राज्यपाल के अभिभाषण के पहले फ्लोर टेस्ट कराया जाए। बीजेपी का कहना था कि राज्यपाल का अभिभाषण सरकार की उपलब्धियो और योजनाओ को बताता है और यह कमलनाथ सरकार अब अल्पमत में है इसलिये बजट सत्र और राज्यपाल के अभिभाषण से पहले सरकार बहुमत साबित करे। लेकिन राज्यपाल लालजी टंडन ने कमलनाथ सरकार की मांग को स्वीकार करते हुए उनके अभिभाषण के बाद फ्लोर टेस्ट करने की बात कही है।