इंदौर में हर वर्ष रंगपंचमी के मौके पर निकलने वाली रंगारंग गेर को विश्व स्तरीय पहचान दिलाने की कवायद में जिला प्रशासन जुट गया है। इस गेर को ऐतिहासिक बनाने में जिला प्रशासन और नगर निगम संयुक्त रूप से जुड़े हुए हैं।
वही इस बार उम्मीद है कि इस गेर को देखने के लिएयूनेस्को की टीम भी आ सकती है। साथ ही बड़ी संख्या में बाहर से भी मेहमान इस गेर को देखने के लिए इंदौर पहुंचेंगे। वही गेर को देखने के लिए बाहर से आने वाले मेहमानों को बैठाने की खास व्यवस्था भी की जा रही है। गेर जिन स्थानों से होकर गुजरती है, वहां के मकानों का सर्वे किया जा रहा है। ऐसे मकानों की सूची बनाई जा रही है, जिसकी छत पर मेहमानों को बैठाया जा सके। गौरतलब है कि इस गेर को विश्व धरोहर में शामिल कराने के लिए जिला प्रशासन के द्वारा यूनेस्को से भी बात की गई थी। इस गेर में शामिल होने वाली अलग-अलग समितियां कई सालों से इस गेर को निकाल रही हैं। इस गेर की खास बात यह रहती है कि इसमें स्वचालित मिसाइलों से 50 से 60 फीट तक रंग फेंका जा सकता है। इंदौर में रंग पंचमी पर इस गेर का आयोजन किया जाता है, इसका उत्साह तब चरम पर होता है, जब सभी के गेर एकत्रित होकर राजवाड़ा पहुंचते हैं और यहां पर मौजूद लाखों लोग एक साथ होली खेलते है।