रिक्त भर्तियों के लिए कृषि छात्रों का आमरण अनशन जारी

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करीब कई दिनों तक अपनी जायज मांगों को लेकर कॉलेज के मुख्य द्वार पर बैठे कृषि महाविद्यालय के छात्रों का सब्र का बांध टूटा और अब खाली पड़े 5 हजार से ज्यादा रिक्त पदों पर नौकरी के लिए आमरण अनशन पर जाना पड़ा। कृषि कॉलेज के छात्रों द्वारा आमरण अनशन का आज तीसरा दिन है लेकिन अभी तक छात्रों को मिलने किसी अधिकारी ने जहमत तक नहीं उठाई। उसी से नाराज कृषि छात्रों द्वारा आज अपना मुंडन करवा कर सरकार का पिंडदान भी किया जाएगा। कृषि महाविद्यालय के छात्रों को वर्तमान सरकार और पूर्व सरकार से शिकायत है कि हजारों की संख्या में अलग-अलग कैटेगरी के पद खली है। उन्ही मांग को लेकर समस्त कृषि महाविद्यालयों ने वर्तमान सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए 11 फरवरी से आंदोलन की राह पकड़ी थी, और अब समस्त 12 कृषि महाविद्यालय में छात्र आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। नाराज छात्रों द्वारा कल विरोध स्वरूप चक्का जाम भी किया गया। सरकार कोई भी हो आमजन और छात्रों के गुस्से का सामना तो करना ही पड़ता है। जैसा कि वर्तमान में राज्य में बैठी कमलनाथ सरकार को कृषि महाविद्यालय के छात्रों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है। आपको बता दें की कृषि के क्षेत्र में अलग-अलग कैटेगरी में तकरीबन 5 हजार से ज्यादा पद रिक्त हैं और अब महाविद्यालयों से पास हुए छात्रों को शिक्षा पूरी कर लेने के बाद पहली अति आवश्यक चीज नौकरी चाहिए होती है। इंदौर से ही द्वारा कृषि महाविद्यालयों में नौकरी न मिलने से बेरोजगारी से छात्र आंदोलन की राह पर चल रहे हैं और इंदौर के कृषि महाविद्यालय में भी 3 छात्र अजय गांगले, देवेंद्र जाट और लक्षमण ने आमरण अनशन पर बैठ कर शासन तक अपनी बात पहुंचाने का बीड़ा उठाया है। आमरण अनशन पर बैठे छात्रों को अभी 16 घंटे ही हुए लेकिन छात्रों के चेहरे अभी से भूख दिखाई देने लगी है। छात्रों का कहना है कि जब तक सरकार कोई स्पष्ट जवाब लिखित में नहीं देती है अनशन जारी रहेगा।

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