उच्चतम न्यायालय ने राजनीतिक दलों को निर्देश दिया है कि वे चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों पर लम्बित आपराधिक मुकदमों का ब्यौरा अपनी वेबसाइट पर अपलोड करें। राजनीति के अपराधीकरण के मुद्दे से जुड़ी अवमानना याचिका पर आदेश देते हुए न्यायमूर्ति एफ. नरीमन की पीठ ने कहा कि ऐसा लगता है कि लोकसभा के पिछले चार चुनावों के दौरान राजनीति के अपराधीकरण में चिन्ताजनक स्तर तक वृद्धि हुई है। न्यायालय ने राजनीतिक दलों को यह भी निर्देश दिया कि वे अपनी वेबसाइट पर कारण बतायें कि ऐसे उम्मीदवारों का चुनाव क्यों किया गया है, जिन के खिलाफ आपराधिक मुकदमे लम्बित हैं। राजनीतिक दलों को फेसबुक और ट्विटर जैसी सोशल मीडिया तथा एक स्थानीय भाषा और एक राष्ट्रीय अखबार में भी यह ब्यौरा प्रकाशित कराने का निर्देश दिया गया है। न्यायालय ने राजनीतिक दलों से आपराधिक मुकदमों का सामना कर रहे उम्मीदवार को चुनाव में उतारने का फैसला करने के 72 घंटों के अन्दर निर्वाचन आयोग को सूचना देने के निर्देश का अनुपालन करने संबंधी रिपोर्ट भी मांगी है।