भगत सिंह दीवाने ब्रिगेड के आनंद मोहन माथुर ने इंदौर में एक पत्रकार वार्ता में कहा कि, मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार ने अपने यहाँ सीएए को लागू नहीं करने का निर्णय लेकर स्वागत योग्य कदम उठाया है, जो सही है। लेकिन सीएए का कोई प्रभाव मध्यप्रदेश या अन्य राज्यों में असम को छोड़कर नहीं है। पर एनपीआर, सीएए और एनसीआर से भी ज्यादा खतरनाक है। माथुर ने कहा कि, इसे लागू नहीं होना चाहिए। भगत सिंह दीवाने ब्रिगेड का मानना है कि, भारत सरकार किसी भी कीमत पर देश में एनपीरआर को लागू नहीं करे। हालाँकि हमारी संस्था एनपीआर, सीएए और एनसीआर तीनों का विरोध कर रही है, और शहर में चल रहे विरोधी आंदोलन का समर्थन भी कर रही है। इसी मुद्दे को लेकर भगतसिंह दीवाने ब्रिगेड ने एक बड़ा आयोजन 2 फरवरी रविवार को महालक्ष्मी नगर मैदान पर किया था। सरकार ने जनसंख्या सेन्सस कानून 1948 की कार्यवाही शुरू कर दी, जो हर 10 वर्ष में होती है। इस कार्यवाही से बड़ा भ्रम फैल रहा है। जनकारी जनसंख्या एक्ट 1948 में 2 हजार 21 के लिए ली जा रही है, या राष्ट्रीय जनसंख्या नियम 2003 में यह भेद समझ में आना मुश्किल है। अतः कमलनाथ सरकार से आग्रह है कि, मध्यप्रदेश में एनपीआर नियम 2003 लागू नहीं करे। जनसंख्या एक्ट 1948 की कार्यवाही समय पर हो। जनगणना 2021 में की जाए न की 2 हजार 20 में।