देश के बैंक अधिकारियों कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों और लंबित वेतन मांगों को लेकर आज से 2 दिनों तक बैंकों की हड़ताल रहेगी। इस दौरान बैंकिंग सेक्टर का कारोबार पूरी तरह ठप रहेगा। दरअसल बीते 27 महीनों से केंद्र सरकार और वित्त मंत्रालय के पास देश के करीब 10 लाख बैंकिंग अधिकारियों कर्मचारियों की वेतन वृद्धि और समयमान वेतन के प्रकरण लंबित हैं। लगातार मांग और वार्ता के बावजूद अब तक कोई हल नहीं निकलने से नाराज बैंकिंग सेक्टर के 9 कर्मचारियों अधिकारियों के संगठनों ने आज प्रदेश भर में बैंक के बंद रख केंद्र सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ रैलियां निकाली। प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में साठा बाजार स्थित बैंक ऑफ इंडिया की मुख्य शाखा पर एकत्र होकर सैकड़ों की तादात में अधिकारी कर्मचारियों ने शहर के व्यावसायिक क्षेत्रों से राजबाड़ा तक विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी करते हुए रैली निकाली। इस दौरान बैंक अधिकारियों कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि देश की विभिन्न बैंकों में 7 लाख करोड़ के एनपीए में कोई सुधार नहीं हुआ और जो भगोड़े उद्योगपति करोड़ों अरबों के डिफाल्टर हैं। सरकार उन पर कार्रवाई करने को तैयार नहीं है। बैंककर्मियों का कहना है कि नीरव मोदी और विजय माल्या जैसे लोग बैंकों का पैसे लेकर भाग रहे हैं, लेकिन बैंकिंग अधिकारियों कर्मचारियों को उनके हक का पैसा मोदी सरकार नहीं देना चाहती। बैंक अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि उनकी समस्या का निराकरण नहीं हुआ तो 11-12-13 मार्च को फिर हड़ताल होगी। इस दौरान शनिवार इतवार और होली के दौरान पूरे 1 सप्ताह बैंक के बंद रहेंगी। गौरतलब है कि देश के 10 लाख बैंक अधिकारी कर्मचारी हड़ताल पर हैं, जबकि मध्य प्रदेश में 7426 बैंक शाखाओं मैं कामकाज ठप है। इंदौर में 641 शाखा में से 600 शाखाएं बंद है इन शाखाओं में काम करने वाले 5000 और प्रदेश भर में 22 हजार बैंक अधिकारी कर्मचारी कर्मचारियों की हड़ताल से करीब एक लाख 17 हजार करोड का व्यवसाय बैंकिंग व्यवसाय प्रभावित होगा। इसके अलावा मध्य प्रदेश में 7 लाख करोड का बैंक व्यवसाय प्रभावित होने जा रहा है।