संभागायुक्त ने प्रशासन एवं सहकारिता विभाग के अधिकारियों की बैठक ली

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इंदौर जिले में गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं के पात्र सदस्यों को चार चरणों में प्लाट एवं उनका कब्जा दिलवाया जायेगा। पहला चरण इस माह के अंतिम सप्ताह से शुरू होगा। पहले चरण में लगभग 500 सदस्यों को प्लाट मिलने की उम्मीद है। जिले में गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं के सभी पात्र सदस्यों को उनका पूरा हक दिलवाया जायेगा। इसके लिये पूर्ण संकल्पबद्ध होकर तेजी से कार्यवाही जारी है।
यह जानकारी आज यहां संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी द्वारा गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं के संबंध में की जा रही कार्यवाही के संबंध में ली गई समीक्षा बैठक में दी गयी। बैठक में अपर कलेक्टर दिनेश जैन, इंदौर विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विवेक श्रोत्रिय, संयुक्त आयुक्त सहकारिता जगदीश कनोजे सहित प्रशासन एवं सहकारिता विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद थे। बैठक में संभागायुक्त ने गृह निर्माण सहाकरी संस्थाओं के संबंध में अब तक की गयी कार्यवाही की संस्थावार समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिये कि गृह निर्माण सहकारी संस्थाकओं के संबंध में गत दिनों जप्त किये गये रिकार्ड की जांच का काम अतिशीघ्र पुरा कर लिया जाये। साथ ही गृह निर्माण सहकारी समितियों के संबंध में आये सभी आवेदनों का सुक्षमता से परीक्षण करें। परीक्षण के आधार पर सभी अधिकारी उन्हें न्याय दिलाने के संबंध में अपनी रिपोर्ट अतिशीघ्र दे। बैठक में बताया गया कि जिले में सवा सौ से अधिक गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं के संबंध में 3 हजार से अधिक आवेदन और शिकायते प्राप्त हुई है। इनमें प्रमुख रूप से 50 गृह निर्माण सहकारिता संस्थाओं के बारे में 10 या इससे अधिक शिकायते और आवेदन प्राप्त हुये है। संभागायुक्त श्री त्रिपाठी ने निेर्देश दिये कि आवेदनों का परीक्षण कर उनका हक दिलाये जाने के लिये कार्यवाही चिन्हित कर ले। उन्होंने बताया कि गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं के सदस्यों को प्लाट, कब्जा अथवा राशि वापस दिलाये जाने की कार्यवाही चार चरणों की जायेगी। पहला चरण इस माह के अंतिम सप्ताह से शुरू होगा। पहला चरण दो भागों में होगा। पहले चरण का दूसरा भाग फरवरी माह के अंत तक चलेगा। अभियान का दूसरा चरण मार्च माह के अंत तक तथा तीसरा चरण जून माह के अंत तक चलाया जायेगा। बैठक में बताया गया कि अधिकांश सदस्यों को प्लाट दिलाने तथा उनका वास्तविक कब्जा दिलाने की कार्यवाही की जायेगी। शेष सदस्यों को जिनको प्लाट नहीं मिल पायेंगे, उन्हें ब्याज सहित राशि दिलाने का कार्य किया जायेगा। ऐसे सदस्य जिन्हें प्लाट मिल गये है और उन्हें मकान बनाने में अनुमति नहीं मिल रही है, उन्हें अनुमति दिलाने का कार्य भी किया जायेगा।

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