
कोलकाता के होटल में आग लगने से 14 लोगों की मौत हो गई है। वहीं कई लोग घायल हुए है। कोलकाता के फालपट्टी मछुआ इलाके में मंगलवार रात होटल में भीषण आग लगने से 14 लोगों की मौत हो गई। जान बचाने के लिए लोग छत-खिड़की से कूदते नजर आए लेकिन जमीन पर गिरने के कारण उन लोगों की भी मौत हो गई। फिलहाल रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। आग लगने की वजह फिलहाल पता नहीं चली है।घटनास्थल पर मौजूद एक शख्स ने बताया कि आग लगने के बाद इलाके में हड़कंप मच गया। कई लोग होटल की छत और खिड़कियों से कूदते नजर आए। कुछ लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। वहीं, हादसे की जांच के लिए स्पेशल टीम बनाई गई है।
मंगलवार (29 अप्रैल) रात सवा आठ बजे कोलकाता के व्यस्ततम इलाको में से एक मछुआ फल पट्टी के होटल और रेस्टोरेंट में अचानक आग लग गई। आग लगते ही रेस्टोरेंट के अंदर अफरा-तफरी मच गई। फौरन फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई लेकिन संकरा रास्ता होने की वजह से फायर ब्रिगेड की टीम को काफी मशक्कत करनी पड़ी। फायर ब्रिगेड और पुलिस की टीमों ने मौके पर पहुंचकर राहत-बचाव का काम शुरू किया। अब तक 14 शव निकाले जा चुके हैं। आग लगने की वजह फिलहाल पता नहीं चली है।
हादसे के वक्त धुएं की वजह से कई लोग अंदर ही फंस गए और कुछ लोग जान बचाने के लिए ऊपर की मंजिल की तरफ भागे लेकिन ऊपर से भी निकलने में काफी परेशानी हुई। रेस्टोरेंट के एक कर्मचारी ने तो जान बचाने के लिए ऊपर से छलांग दी जिससे उसकी मौत हो गई। फायर ब्रिगेड की टीम को दीवार तोड़कर अंदर घुसना पड़ा। हादसे में 14 लोगों के शव बरामद हुए हैं जबकि करीब पचास लोगों का रेस्क्यू किया गया।

कैसे फैली आग?
फायर ब्रिगेड के मुताबिक आग रेस्टोरेंट के रसोईघर से लगी और धीरे धीरे पूरी बिल्डिंग में फैल गई। आरोप ये भी है कि होटल के अंदर आग बुझाने के पर्याप्त उपाय नहीं किए गए थे जिससे ये हादसा इतना बड़ा हो गया। होटल कर्मी मनोज पासवान (उम्र करीब 40 साल) आग लगने के डर से जान बचाने के लिए बालकनी से कूद गया। जब उन्हें कलकत्ता मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया तो डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। कई दमकल गाड़ियों के प्रयास से आग पर काबू पाया गया। होटल में फंसे मेहमानों को लेडर के जरिए नीचे उतरा गया। बाद में होटल की अलग अलग जगह से 13 बॉडी रिकवर किया गया।
मजूमदार बोले- सरकार जरूरी सहायता पहुंचाए
केंद्रीय मंत्री और बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने हादसे पर दुख जताया। साथ ही कहा- मैं राज्य प्रशासन से आग्रह करता हूं कि प्रभावित लोगों को तुरंत बचाया जाए और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करें। भविष्य में ऐसी घटनाओं न हो, इसके लिए फायर सेफ्टी के सख्त नियम बनाए जाए।