PM मोदी ने देश को सौंपा सबसे लंबा केबल ब्रिज ‘सुदर्शन सेतु’

देश में इंफ्रास्ट्रक्चर का एक और नायाब नमूना तैयार हुआ है। यह है सुदर्शन सेतु। ये देश का सबसे लंबा केबल ब्रिज है। इस ब्रिज को आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को समर्पित कर दिया है। आइए जानते हैं कि गुजरात के द्वारका में बने इस ब्रिज की क्या कुछ खासियतें हैं। 

इतना किलोमीटर लंबा है ब्रिज
प्रधानमंत्री मोदी ने 25 फरवरी को गुजरात के द्वारका में ‘सुदर्शन सेतु’ का उद्घाटन किया। यह केबल ब्रिज ओखा को समुद्र के बीच बसे बेट द्वारका (Beyt Dwarka) से जोड़ता है। अगर इसकी लंबाई पर गौर करें तो यह करीब 2.32 किलोमीटर लंबा है।

2016 में मिली थी मंजूरी
इस पुल के निर्माण को साल 2016 में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मंजूरी मिली थी। प्रधानमंत्री मोदी ने सात अक्तूबर, 2017 को ओखा और बेट द्वारका को जोड़ने वाले पुल की आधारशिला रखी थी। पहले इसकी अनुमानित लागत 962 करोड़ रुपये थी, लेकिन बाद में इसे बढ़ा दिया गया।

‘सुदर्शन सेतु’ के बारे में खास बातें

  1. ‘सुदर्शन सेतु’ का निर्माण 979 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। इसे ओखा-बेट द्वारका सिग्नेचर ब्रिज के नाम से भी जाना जाएगा। ये पुल द्वारकाधीश मंदिर में आने वाले निवासियों और तीर्थयात्रियों के लिए बहुत खास महत्व रखेगा।
     
  2. चार लेन वाले 27.20 मीटर चौड़े ब्रिज पर दोनों तरफ 2.50 मीटर चौड़े फुटपाथ हैं। बताया जा रहा है कि सुदर्शन सेतु का अद्वितीय डिजाइन है। इसमें दोनों तरफ श्रीमद्भगवद गीता के श्लोकों और भगवान कृष्ण की छवियों से सजा हुआ एक फुटपाथ है।
     
  3. इसमें फुटपाथ के ऊपरी हिस्से पर सौर ऊर्जा के पैनल भी लगाए गए हैं, जिससे एक मेगावाट बिजली पैदा होगी।
     
  4. सुदर्शन सेतु के निर्माण से पहले, तीर्थयात्रियों को भेट द्वारका तक पहुंचने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती थी। उन्हें नाव पर निर्भर रहना पड़ता था। मौसम खराब हो तो लोगों को प्रतीक्षा करनी होती थी। अब इस ब्रिज के बन जाने से देवभूमि द्वारका के प्रमुख पर्यटक आकर्षण के रूप में भी काम करेगा। इसके अलावा, यात्रा करने वाले भक्तों के समय को काफी बचाएगा।
     
  5. इस ब्रिज का डेक कंपोजिट स्टील-रिइनफोर्स्ड कंक्रीट से बना है। 
     
  6. जिस पुल को ‘सिग्नेचर ब्रिज’ के नाम से जाना जाता था, अब उसका नाम बदलकर ‘सुदर्शन सेतु’ या सुदर्शन ब्रिज कर दिया गया है। बेट द्वारका ओखा बंदरगाह के पास एक द्वीप है, जो द्वारका शहर से लगभग 30 किमी दूर है, जहां भगवान कृष्ण का प्रसिद्ध द्वारकाधीश मंदिर स्थित है।
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