
इंदौर कलेक्टर इलैया राजा टी. एवं एसएलआर अनिल मेहता को मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा भूमि सम्मान से नवाजा गया। डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड्स मॉर्डनाइजेशन प्रोग्राम के अंतर्गत लैंड रिकॉर्ड डिजिटाइजेशन के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए यह सम्मान मिला है। इसमें इंदौर शहर के भू-अभिलेखों को बेहतर ढंग से डिजिटल किया गया। भू-संपदा विभाग द्वारा संचालित कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिए इंदौर जिले को इस पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। राजधानी दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में यह सम्मान प्रदान किया गया।
गौरतलब है कि इंदौर जिले के भूमि रिकॉर्ड्स को शत प्रतिशत डिजिटाइज किए जाने से विभागीय कार्यों में सरलता के साथ-साथ जन सामान्यजन को भी काफी सहूलियत हो रही है। अब लोग अपने घर बैठे ही अपनी जमीन की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इतना ही नहीं भूमि संबंधी ज्यादातर काम जैसे जमाबंदी, परिमार्जन, अन्य प्रमाण पत्र, विशेष सर्वेक्षण अब लोग अपने घर बैठे ही करवा सकते हैं। इससे भूमि विवाद को कम करने में भी सफलता मिलेगी। दरअसल इंदौर कलेक्टर इलैया राजा टी. के नेतृत्व में इंदौर जिले में राज्य सरकार की जो भी योजनाएं हैं वो शत प्रतिशत धरातल पर उतरना और इसका लाभ आम लोगों तक पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। पहले जब लोगों को एक सुधार के लिए कई दिनों तक दफ्तर का चक्कर काटना पड़ता था उससे सुकून मिला है।
676 गांव के राजस्व रिकॅार्ड भी डिजिटल
इंदौर ने 117 साल पुराने महाराजा होलकर द्वारा बनवाए गए बेशकीमती राजस्व रिकॉर्डों को भी सहेजा है। वहीं इंदौर के सभी 676 गांवों के राजस्व रिकॉर्डों को भी डिजिटल किया गया है। 1584 नक्शा शीटें, जिनमें से अधिकांश जीर्ण-शीर्ण हो चुकी थीं उन्हें लेमिनेट करवाने के साथ उनको डिजिटल करने के लिए स्कैन भी करवाया गया और सभी राजस्व रिकॉर्ड अलमारियों में सुरक्षित रिकॉर्ड रूम में रखवा दिए हैं। सिर्फ 17-18 जिले के गांव ऐसे हैं जिनके त्रुटिपूर्ण रिकॉर्ड हैं, उन्हें भी दुरुस्त किया जा रहा है, जिसमें खजराना सहित कुछ जागीरी वाले गांव शामिल हैं। अब एमपी लैंड रिकॉर्ड के माध्यम से इन सभी राजस्व रिकॉर्ड को ऑनलाइन भी उपलब्ध करा दिया है।