इंदौर में कांग्रेस के रंग में रंगे भाजपा के गढ़, दिग्विजय ने कार्यकर्ताओं को दिए जीत के मंत्र

इंदौर

पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह मंगलवार को दिनभर इंदौर में हैं। वे भाजपा के गढ़ माने जाने वाले दो नंबर और चार नंबर विधानसभा क्षेत्र में हुए आयोजनों में भाग ले रहे हैं। इंदौर में उन्होंने संभावित प्रत्याशियों से बातचीत की और कार्यकर्ताओं को जीत के मंत्र दिए। सुबह के सत्र में उन्होंने पत्रकारों से भी चर्चा की और बताया कि किस तरह से कांग्रेस मप्र में भाजपा को हराने की तैयारी कर रही है। भाजपा के गढ़ से विधानसभा चुनावों के लिए आक्रामक शुरुआत करने वाले दिग्विजय सिंह ने कहा कि जिन जगहों पर भाजपा मजबूत है पहले हम वहीं पर काम करेंगे जहां दोनों पार्टियों की स्थिति बराबर है वहां पर तो कांग्रेस जीत ही जाएगी क्योंकि जनता भाजपा से त्रस्त हो चुकी है। 

अनुशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने पर ही मिलेगी जीत
सुबह रेसीडेंसी में कार्यकर्ताओं से मुलाकात के दौरान दिग्विजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस को तभी जीत मिलेगी जब कांग्रेस के कार्यकर्ता अनुशासन के साथ चुनाव लड़ेंगे। एक दूसरे के कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगे तो कोई भी उन्हें नहीं हरा पाएगा। 

भाजपा के गढ़ में हर जगह कांग्रेस के झंडे
भाजपा के गढ़ दो नंबर विधानसभा क्षेत्र में हर जगह कांग्रेस के बैनर और झंडे नजर आए। एक दिन पहले सोमवार से ही पूरे क्षेत्र को कांग्रेसमय कर दिया गया। लंबे समय के बाद दो नंबर क्षेत्र में कांग्रेस का इस तरह से प्रचार देखा गया है। विधानसभा चुनाव के लिए यहां से चिन्टू चौकसे कांग्रेस के टिकट के लिए दावेदारी कर रहे हैं। 

समय के साथ भाजपा के खाते में गए कांग्रेस के गढ़
दो नंबर –
 यह भाजपा विधायक रमेश मेंदोला की सीट है और पहले यहां से कैलाश विजयवर्गीय लड़ते आए हैं। दो नंबर क्षेत्र भाजपा का मुख्य गढ़ माना जाता है। दो नंबर विधानसभा सीट पर भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने 1993 में जीत हासिल की थी तब से यानी 30 साल से ये सीट भाजपा के पास ही है। यहां से तीन बार कैलाश विजयवर्गीय विधायक रहे। इसके बाद रमेश मेंदोला को यहां से साल 2008 में टिकट दिया गया और तब से वे लगातार इस सीट पर जीत दर्ज कर चुके हैं। वे भी तीन बार के विधायक हैं। कैलाश विजयवर्गीय से पहले 1990 में यह सीट सुरेश सेठ के पास थी जो कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीते थे। उन्होंने भाजपा के विष्णु प्रसाद शुक्ला को चुनाव हराया था। 
दावेदार – कांग्रेस में दो नंबर में नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे अपनी दावेदारी जता रहे हैं। 

चार नंबर – चार नंबर में कांग्रेस के पास दावेदारी के लिए कोई बड़ा नाम नहीं है। चार नंबर सीट पूर्व मंत्री लक्ष्मणसिंह गौड़ का गढ़ है, यहां से उनकी पत्नी मालिनी गौड़ विधायक हैं। वहीं चार नंबर विधानसभा सीट 1990 से बीजेपी के पास है। इसके पहले यह सीट भी कांग्रेस के पास थी। 1985 में यहां से कांग्रेस के नंदलाल माटा विधायक थे। 
दावेदार – गोलू अग्निहोत्री और अक्षय बम कांग्रेस से दो नाम सामने हैं। यहां से कांग्रेसी दावेदार कम ही दिख रहे हैं।

पांच नंबर – यहां पर भाजपा के महेंद्र हार्डिया विधायक हैं जो पिछली बार बड़ी मुश्किल से चुनाव जीते थे। पांच नंबर विधानसभा सीट भाजपा 2003 से जीत रही है। इससे पहले यहां कांग्रेस के विधायक रहे हैं। 1985 में सुरेश सेठ यहां से निर्दलीय जीते थे और 1990 में कांग्रेस के अशोक शुक्ला यहां से विधायक थे। 
दावेदार – पांच नंबर में पूर्व विधायक और पिछली बार के हारे हुए प्रत्याशी सत्यनारायण पटेल और स्वप्निल कोठारी पूरी ताकत के साथ दावेदारी जता रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *