इंदौर में अहिल्या बाई का जन्म दिन गौरव दिवस के रुप मेें धूमधाम से मना। सुबह शहर के कई स्थानों से दिंडी और कावड़ यात्राएं निकली। देवी अहिल्या भगवान शिव को बहुत मानती थी, इसलिए उनके अनुयायियों ने प्रतिमा के सामने शिवाभिषेक किया। नेता भी सुबह राजवाड़ा पर जुटे और भजनों पर झूमे भी और फुगड़ी भी खेेली। देवी अहिल्या का जन्म दिन मनाने सभी वर्गों के लोग प्रतिमा स्थल पर आए थे।
सुबह कलेक्टर इलैया राजा और मंत्री उषा ठाकुर ने प्रतिमा स्थल पर पहुंचकर माल्यार्पण किया। इसके बाद धीरे-धीरे राम नगर, शिवाजी नगर, राम बाग, उषा नगर सहित अन्य स्थानों से दिंडी यात्राएं राजवाड़ा पर आने लगी। झांझ मंजिरे और ढोलक की थाप पर लोग नाचते नजर आए। कुछ शहनाई वादक बैलगाड़ी पर बैठकर पारंपरिक धुने बजा रहे थे। भजन मंडलियों ने भजन गाते हुए तीन बार राजवाड़ा चौक की परिक्रमा की।
श्रीराम धारा साधक न्यास से सदस्य घर से कावड़ में जल भरकर लाए और शिवाभिषेक किया। कलेक्टर ने भी कावड़ उठाकर प्रतिमा की परिक्रमा की। मेयर पुष्य मित्र भार्गव और सांसद शंकर लालवानी ने फुगड़ी भी खेली। राजवाड़ा पर आई भजन मंडलियों को केसरिया दुपट्टे भी पहनाए जा रहे थे।
कई परिवार भी सुबह अहिल्या प्रतिमा पर आकर फूल चढ़ा रहे थे। प्रतिमा को भी विशेष तौर पर सजाया गया था। उज्जैन से आए डमरु दल ने अलग अंंदाज मेें डमरु बजाकर माहौल को अलग ही रुप दे दिया। बुधवार को तंबाखू निषेध दिवस भी था, इसलिए राजवाड़ा चौक पर एक रैली इसके लिए भी निकाली। जिसमे मेयर शामिल हुए। प्रतिमा के अलावा शहर में गौरव दिवस पर अनेक आयोजन हुए।