गर्मियां हमारे शरीर को बुरी तरह प्रभावित करती हैं। डॉ. सुरभि बताती हैं “इस मौसम में बाहरी तापमान बढ़ने से हमारे शरीर का ताप भी बढ़ जाता है, जिससे शरीर डि-हाइड्रेड हो जाता है यानि पानी की कमी हाेने लगती है इसलिए हमें ऐसा खान-पान रखना चाहिए, जो शरीर को ठंडा रखे। गर्मियों में हमारा पाचन-तंत्र भी कमजोर पड़ जाता है, इसलिए जरूरी है कि ताजा और हल्का भोजन किया जाए। बढ़ता तापमान संक्रमण का खतरा भी बढ़ा देता है, इसलिए इस मौसम में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।” आगे डॉ. सुरभि बताती हैं “इस मौसम में दही और मट्ठा पीएं क्योंकि इसमें प्रचुर मात्रा पोटैशियम और सोडियम होता है जो शरीर को डि-हाइड्रेड होने से बचाता है।”
गर्मी में कैसा हो खान-पान डॉ. सुरभि जैन बताती हैं “गर्मी के मौसम में पांच रंगों के फल खाने चाहिए जैसे- संतरा, जामुन, लीची, केला, अंगूर। खाने में प्रोटीन की मात्रा कम ही रखें क्योंकि यह पचने में काफी वक्त लेता हैै। गर्मी में कम तला-भुना खाएं और हो सके तो राइस बेस तेल का इस्तेमाल करें।” डॉ. सुरभि जैन बताती हैं ‘अगर खाली पानी न पिया जाए तो जूस या सूप के रूप में लिक्विड लें। गर्मी में घर से बाहर निकलने के पहले 2 गिलास पानी जरूर पी लेना चाहिए। टमाटर, खरबूज, खीरा ककड़ी और प्याज का उपयोग करते रहना चाहिए। इन चीजों से पेट की सफाई होती है और अंदरूनी गर्मी शांत होती है। गर्मी में सोडियम, पोटैशियम और मैगनीज उचित मात्रा में लेनी चाहिए।’
क्या न खाएं डॉ. सुरभि बताती हैं “गर्मी के मौसम में बैक्टीरिया और वायरस सबसे ज्यादा पनपते हैं। शुगर कंटेंट वाले फलों में बैक्टीरिया पनपने की सम्भावना ज्यादा बढ़ जाती है इसलिए ताजे फलों का सेवन करें और इन्हें ज्यादा देर काट कर न रखें तुरंत काटे और खा लें। ताजी सबि्जयां खरीदें और दो या तीन दिन से अधिक समय तक न रखें। क्योंकि इस मौसम में सब्िजयां जल्दी सड़ जाती हैं।”
*चाय-कॉफी का प्रयोग कम करें, डीहाइड्रेशन बढ़ता है।
*अधिक वसायुक्त और भारी भोजन न खाएं।
*तले हुए और मसालेदार भोजन से दूर रहें।
*बासी और गंदे माहौल में बना खाना न खाएं।
*प्रोसेस्ड और डिब्बा बंद खाद्य पदार्थों से बचें।
*बाहर का खाना खाने से बचें।
*नॉनवेज न खाएं अगर खाते हैं तो
बेरीज
गर्मी के मौसम में जामुन, स्ट्रॉबेरी और रसभरी खानी चाहिए। ये एंटी ऑक्सीडेंट फल होते हैं यह प्री म्चूयर एजिंग को रोकते हैं। साथ ही साथ शरीर के लिए भी बहुत गुणकारी होते हैं।
नींबू पानी
यह गर्मी के मौसम में सबसे अच्छा होता है। पेट में खराबी होना, कब्ज, दस्त होना में नींबू के रस में थोड़ी सी हींग, काली मिर्च, अाजवाइन, नमक, जीरा मिलाकर पीने से काफी राहत मिलती है।
तरबूज का रस
तरबूज के रस से एसीडीटी का निवारण होता है। यह दिल के रोगों डायबीटीज, कैंसर रोग से शरीर की रक्षा करता है।
पुदीने का शरबत
पुदीने का शरबत गर्मी में पुदीना बेहद फायदेमंद रहता है। पुदीने को पीसकर स्वाद अनुसार नमक, चीनी जीरा मिलाएं। इस तरह पुदीने का शरबत बनाकर पीने से लू-जलन, बुखार, उल्टी व गैस जैसी समस्याओं में काफी लाभ होता है।
गन्ने का रस
गर्मी में गन्ने का रस सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है। इसमें विटामिन्स और मिनरल्स होते हैं। इसे पीने से ताजगी बनी रहती है। लू नहीं लगती है। बुखार होने पर गन्ने का रस पीने से बुखार जल्दी उतर जाता है। एसीडीटी की वजह से होने वाली जलन में गन्ने का रस राहत पहुंचाता है। गन्ने के रस में नींबू मिलाकर पीने से पीलिया जल्दी ठीक होता है। गन्ने के रस में बर्फ मिलाना ठीक नहीं है।
छाछ गर्मी के दिनों में छाछ का प्रयोग हितकारी है। आयुर्वेद शास्त्र में छाछ के लाभ बताए गए हैं। भोजन के बाद आधा गिलास छाछ पीने से फायदा होता है। छाछ में पुदीना, काला नमक, जीरा मिलाकर पीने से एसीडीटी की समस्या से निजात मिलती है।
सत्तू
यह एक प्रकार का व्यंजन है। इसे भुने हुए चने , जोऊं और गेहूं पीसकर बनाया जाता है। बिहार में यह काफी लोकप्रिय है। सत्तू पेट की गर्मी शांत करता है। कुछ लोग इसमें शकर मिलाकर तो कुछ लोग नमक और मसाले मिलाकर खाते हैं।
आम का पना
कच्चे आम को पानी में उबालकर उसका गूदा निकाल लें। इसमें शकर, भुना जीरा, धनिया, पुदीना, नमक मिलाकर पीयें। गर्मी की बीमारियां दूर होगी।