
जम्मू-कश्मीर में अब कक्षा छह से आठ तक के विद्यार्थियों को सालभर में दस दिन बिना बैग के स्कूल आना होगा। सिलेबस सह अकादमिक कैलेंडर के तहत हर दिन बच्चे की दिलचस्पी के तहत गतिविधियां होगी। पेंटिंग, पोटोग्राफी, खाना बनाना, स्कूल में बागबानी, खेल, कॉलेज, विश्वविद्यालय सहित बड़े शैक्षणिक संस्थानों का दौरा जैसे गतिविधियां इसमें शामिल होंगी। इसके साथ विशेष दिनों पर स्कूलों में कार्यक्रम आयोजित करवाए जाएंगे।
राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए सिलेबस सह अकादमिक कैलेंडर जारी किया है। एससीईआरटी द्वारा विकसित और डिजाइन कैलेंडर मूलभूत चरण और कक्षा 1 से 8 तक के लिए लागू होगा। एनसीईआरटी के दिशा निर्देशों और नई शिक्षा नीति के तहत तैयार कैलेंडर के लागू होने से अब दशकों से सफलता का पैमाना मानी जाने वाली शैक्षणिक उत्कृष्टता की परिभाषा बदल जाएगी। बच्चों के समावेशी विकास के साथ उनमें आलोचनात्मक सोच जैसे उच्च स्तर के कौशल को बढ़ावा मिलेगा।
चार महीने के प्रयास के बाद कोर्स तैयार, जम्मू कश्मीर बना पहला केंद्र शासित प्रदेश
एनसीईआरटी और एससीईआरटी के विशेषज्ञों द्वारा चार महीने के प्रयास के बाद नया पाठ्यक्रम तैयार किया है। ये जम्मू-कश्मीर बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन की निर्धारित पाठ्यपुस्तकों की सामग्री के साथ सीखने के परिणामों को मैप करता है। इस तरह का व्यापक दस्तावेज बनाने वाला जम्मू-कश्मीर पहला केंद्र शासित प्रदेश बन गया है। पाठ्यक्रम का उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता को योग्यता-आधारित और अनुभवात्मक शिक्षा को बढ़ाना है। पाठ्यक्रम, समावेशी शिक्षा के महत्व पर जोर देने के साथ शिक्षकों को समावेशी कक्षा वातावरण बनाने के लिए ज्ञान और कौशल प्रदान करता है। विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए ये पाठ्यक्रम शिक्षकों को मार्गदर्शन प्रदान करता है।